दिल्ली पुलिस आयुक्त:हालत गंभीर होने के बावजूद पुलिस ने जो संयम बरता, वह सराहनीय
नई दिल्ली, 02 फरवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस को किसान रैली के दौरान हुई हिंसा में 510 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। जिसमें से अभी भी कुछ ही हालत गंभीर बनी हुई है। दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव घायलों को देखने के लिए विभिन्न अस्पतालों में गए। उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर उस वक्त में भी संभालने पर उन पुलिसकर्मियों की सराहना की है।
मंगलवार शाम को पुलिस आयुक्त पश्चिमी रेंज में हुए घायलों को देखने के लिए पीमतपुरा गए। उनके साथ स्पेशल सीपी संजय सिंह, ज्वाइंट सीपी शालिनी सिंह व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। ज्ञातव्य है कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा के दौरान पश्चिमी रेंज के 144 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस आयुक्त ने पुलिसकर्मियों से मिलकर गंभीर वक्त में पेशेवर तरीके से अत्यंत संयम बरतने की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिंसा के वक्त हालात को देखकर पुलिसकर्मी खुद घायल होकर भी अपना कर्तव्य निभाते रहे।
उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की दिल्ली पुलिस के साथ कुशलता से ड्यूटी करने के लिए सराहना की। पुलिस आयुक्त ने उनको प्रेरित किया और उन्हें आने वाले दिनों में कठिन कर्तव्यों के लिए पूरे दिल से तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने किसी भी प्रदर्शन का सामना करते हुए दंगा नियंत्रण का अभ्यास करने और व्यक्तिगत सुरक्षा पर उचित ध्यान देने पर जोर दिया। हालांकि पीएफडब्ल्यूएस फंड से घायलों के लिए कुछ वित्तीय सहायता बढ़ाई गई है लेकिन यह उनकी चोटों और दर्द की भरपाई नहीं करेगा। उन्होंने दिल्ली ने जिला प्रमुखों को घायल कर्मियों के साथ लगातार संपर्क में रहने का निर्देश दिया और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
बुरी तरह से घायल होने वालों में वज्र वाहन पर तैनात बलजीत सिंह, एसएचओ मोहन गार्डन और हेडकांस्टेबल जगबीर शामिल हैं। बलजीत घासीपुरा पिकेट पर तैनात थे, जहां हिंसक भीड़ ने रात करीब दो बजे उन पर हमला किया था। उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की थी। घायल होने के बावजूद उन्होंने उपद्रवियों को रोकने की कोशिश की थी। उनके दोनों हाथों में फ्रैक्चर हुआ है। हेड कांस्टेबल जगबीर वज्र वाहन के अंदर फंस गये थे, जिन पर चारों तरफ से हमला किया गया था। उन्हें लाठियों से पीटा गया और रीढ़ की हड्डी में चोट लगी।