नई दिल्ली, 22 नवम्बर (हि.स.)। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर दिल्ली के सीएम को ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय राजधानी में पानी की गुणवत्ता सौ प्रतिशत शुद्ध है तो वह जल गुणवत्ता के मानक हेतु भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को अनिवार्य करें।
पासवान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि दिल्ली का पानी शुद्ध है तो केजरीवाल ये घोषणा करें कि उनके सभी कार्यालयों से आरओ हटा लिया जाएगा। सभी सरकारी बैठकों में नल का पानी पिलाया जाएगा और दिल्ली सरकार पानी के मानक को मेंडेटरी करने की अनुशंसा करें। उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा पानी के नमूनों पर सवाल खड़ा किए जाने को विशुद्ध राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि आप द्वारा दावा किया जा रहा है कि दीपक रॉय के घर से पानी का नमूना लिया ही नहीं गया। यह बयान दीपक रॉय दबाव में आकर दे रहे हैं क्योंकि बयान देते वक्त आप के विधायक उनके साथ बैठे हुए हैं। बीआईएस के पास भी सबूत है कि रॉय के घर से सैंपल लिया गया है।
पासवान ने कहा कि यह भी कहा जा रहा है कि एक सैंपल लोजपा के नेता के घर से लिया गया। तो क्या दिल्ली में रहने वाले लोजपा नेता को शुद्ध साफ पानी का अधिकार नहीं है। क्या साफ पानी सिर्फ आप नेताओं को मिलेगा। सारे अखबार और टीवी चैनल दिखला रहे हैं कि पूरी दिल्ली की जनता गंदे पानी से परेशान है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने संयुक्त टीम में अपनी ओर से जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सहित दो लोगों को नामित किया है जिसमें उपाध्यक्ष राजनीतिक व्यक्ति हैं। मैंने साफ़ कहा है कि इसमें दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के सीईओ या समकक्ष अधिकारी को नामित करें। जल बोर्ड और बीआईएस द्वारा संयुक्त रूप से पानी के नमूने इकट्ठे करने के लिए बीआईएस ने अपने 32 अधिकारियों की सूची जल बोर्ड के सीईओ को भेज दी है। केजरीवाल ने अभी तक जल बोर्ड के 32 अधिकारियों के नाम क्यों नहीं दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री और केजरीवाल बीआईएस के एक अध्ययन के निष्कर्षों को साझा करने के बाद शहर में पानी की गुणवत्ता को लेकर आमने-सामने हैं। इसमें बताया गया है कि दिल्ली के नल का पानी गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहा है। अध्ययन के अनुसार, गुणवत्ता मानकों में कोलकाता और चेन्नई के साथ दिल्ली में पीने का पानी 11 में से 10 परीक्षणों में विफल रहा है।