नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली में कोरोना के मामले कम होने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट की 11 बेंचों में 18 जनवरी से नियमित सुनवाई करने का फैसला किया है। हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को भी आदेश दिया है कि वे 18 जनवरी से हर कोर्ट एक दिन छोड़कर नियमित सुनवाई करेगी। बाकी दिनों में सभी कोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करेंगे।
हाईकोर्ट ने बाकी बेंचों को वीडियो कांफ्रेंसिंग की वर्तमान व्यवस्था के जरिये सुनवाई करने का आदेश दिया है। उन बेंचों के लिए हाईकोर्ट ने 18 जनवरी से 20 फरवरी तक होनेवाली सुनवाई को स्थगित कर मार्च और अप्रैल में सुनवाई करने का आदेश दिया है। 18 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 5 मार्च को, 19 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 8 मार्च को, 21 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 9 मार्च को, 22 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 10 मार्च को, 25 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 12 मार्च को, 27 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 15 मार्च को, 28 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 16 मार्च को, 29 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 17 मार्च को, 30 जनवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 6 मार्च को होगी। इसी तरह 1 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 18 मार्च को, 2 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 19 मार्च को, 3 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 22 मार्च को, 4 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 23 मार्च को, 5 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 24 मार्च को, 6 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 20 मार्च को, 8 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 25 मार्च को, 9 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 26 मार्च को, 10 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 5 अप्रैल को, 11 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 6 अप्रैल को, 12 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 7 अप्रैल को, 15 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 8 अप्रैल को, 16 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 9 अप्रैल को, 17 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 12 अप्रैल को, 18 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 13 अप्रैल को, 19 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 14 अप्रैल को और 20 फरवरी को लिस्टेड मामलों की सुनवाई 17 अप्रैल को करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को निर्देश दिया है कि वे 18 जनवरी से सभी कोर्ट का रोस्टर बनाएं जिसमें हर कोर्ट एक दिन नियमित सुनवाई करेगी और अगले दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करेगी। हाईकोर्ट ने निचली अदालतों को निर्देश दिया है कि वे हिरासत में रखे गए कैदियों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में साक्ष्यों और बयानों को दर्ज करें। हाईकोर्ट ने कोर्ट की कार्यवाही सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सभी निचली अदालतों को आदेश दिया है कि वे 1 फरवरी से कैदियों को नियमित सुनवाई में पेश करने के लिए कोर्ट लाने के लिए जेल महानिदेशक और लॉकअप इंचार्ज से समन्वय स्थापित करें। हाईकोर्ट ने हिरासत में रखे गए कैदियों के मामले में भी 1 फरवरी से साक्ष्यों और बयानों को दर्ज करने का आदेश दिया है।