दिल्ली हाई कोर्ट में 6 सितंबर और निचली अदालतों में 31 अगस्त से प्रतिबंधित तरीके से फिजिकल सुनवाई
नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट में आगामी छह सितंबर से और दिल्ली की निचली अदालतों में 31 अगस्त से प्रतिबंधित तरीके से फिजिकल सुनवाई करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने आज नोटिस जारी कर इस आशय का निर्देश दिया।
हाई कोर्ट की फुल बेंच ने आदेश दिया है कि हाई कोर्ट में 16 अगस्त से 3 सितंबर तक केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की ही सुनवाई करने का आदेश दिया है। 16 अगस्त से 3 सितंबर तक लिस्टेड मामलों को अक्टूबर महीने में सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है। हाई कोर्ट में जो मामले 16 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 1 अक्टूबर, जो मामले 17 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 4 अक्टूबर, जो मामले 18 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 05 अक्टूबर, जो मामले 20 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 06 अक्टूबर, जो मामले 21 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 18 दिसंबर, जो मामले 23 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 7 अक्टूबर, जो मामले 24 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 8 अक्टूबर, जो मामले 25 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 11 अक्टूबर, जो मामले 26 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 12 अक्टूबर, जो मामले 27 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 18 अक्टूबर, जो मामले 31 अगस्त के लिए लिस्टेड थे वे 21 अक्टूबर, जो मामले 1 सितंबर के लिए लिस्टेड थे वे 22 अक्टूबर, जो मामले 2 सितंबर के लिए लिस्टेड थे वे 25 अक्टूबर और जो मामले 3 सितंबर के लिए लिस्टेड थे वे 26 अक्टूबर को सुनवाई के लिए लिस्ट किए गए हैं।
हाई कोर्ट ने दिल्ली की निचली अदालतों को आदेश दिया है कि वे 31 अगस्त से प्रतिबंधित तरीके से फिजिकल सुनवाई करें। हाई कोर्ट ने कहा है कि 31 अगस्त से फिजिकल सुनवाई दिल्ली में कोरोना के नियंत्रण पर निर्भर करेगा। हाई कोर्ट ने सभी जिलों के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज को निर्देश दिया है कि वे 31 अगस्त से सभी कोर्ट को हफ्ते में एक दिन फिजिकल सुनवाई का रोस्टर तैयार करे। हाई कोर्ट ने ये भी कहा है कि फिजिकल सुनवाई के दौरान क्रिमिनल कोर्ट उन मामलों को प्राथमिकता देंगे जिसमें आरोपी हिरासत में हो या वो पांच साल पुराना मामला हो। इसी तरह सिविल कोर्ट फिजिकल सुनवाई वाले दिन उन मामलों को प्राथमिकता देंगे जो पांच साल पुराने हों या जिन पर समयबद्ध तरीके से पूरे करने का आदेश हो। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि निचली अदालतें उन मामलों की हाईब्रिड या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करेंगी जिन मामलों के पक्षकार या वकील ऐसी मांग करेंगे। कोर्ट ने सभी सेशंस एंड डिस्ट्रिक्ट जजों को निर्देश दिया है कि वे कोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना के दूसरे एहतियाती कदम उठाएंगे। कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को जितना जल्द हो वैक्सी लगवाने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के मामले जब कम हुए थे तो हाईकोर्ट और निचली अदालतों में पिछले 15 मार्च से फिजिकल सुनवाई शुरु हो गई थी, लेकिन अप्रैल के पहले सप्ताह में संक्रमण में काफी बढ़ोतरी देखी गई जिसके बाद हाई कोर्ट और निचली अदालतों में पिछले 09 अप्रैल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई का आदेश दिया गया था। उसके बाद जब संक्रमण की दर और बढ़ी तो 19 अप्रैल से केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की ही सुनवाई का आदेश दिया गया।