दिल्ली सरकार का फैसला, अब 10 से 49 बेड वाले नर्सिंग होम में भी हो सकेगा कोरोना के मरीजों का इलाज
नई दिल्ली, 14 जून (हि.स.)। दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बढ़ने के साथ ही इलाज कराने के लिए अस्पतालों की मांग भी बढ़ी है। इसे ध्यान में रखकर दिल्ली सरकार ने अब 10-49 बिस्तर की क्षमता वाले सभी छोटे एवं मध्यम मल्टीस्पेशलिटी नर्सिंग होम को भी ‘कोविड-19 नर्सिंग होम’ घोषित करने का फैसला लिया है। इसके बाद अब दिल्ली में छोटे नर्सिंग होम में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बताया कि दिल्ली सरकार के इस निर्णय से 5000 से अधिक बेड कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएंंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगले कुछ दिनों में हमारे अधिकारी हर नर्सिंग होम के मालिक से बात करके उनकी समस्याओं को भी दूर करेंगे।
दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या में वृद्धि करने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। इससे आम जनता को काफी राहत मिलेगी। हालांकि दिल्ली में कई ऐसे कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं जिन्होंने खुद को होम आइसोलेशन में रखकर अपना सफल इलाज भी किया है।
सरकार के आदेश के मुताबिक केवल आंख, कान एवं गले का इलाज करने वाले केंद्रों, डायलिसिस केंद्रों, प्रसव गृहों और आईवीएफ केंद्रों को इससे छूट दी गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 10 से 49 बेड की क्षमता वाले छोटे और मध्यम मल्टीस्पेशलिटी नर्सिंग होम में कोविड-19 के मरीजों का इलाज हो सकेगा।
आदेश के मुताबिक ऐसे सभी नर्सिंग होम को आदेश जारी होने के तीन दिन के अंदर अपने यहां कोविड बिस्तरों को तैयार रखना चाहिए। ऐसा करने में विफल रहने वालों को दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण के नियमों के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा।