केजरवील सरकार ने पांच सालों में नहीं खोला एक भी नया स्कूल : मनोज तिवारी

0

शिक्षक बढ़ाने की बजाय 22 हजार गेस्ट टीचर घटा दिये तो सवाल उठता है कि स्कूलों में पढ़ा कौन रहा है।



नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। भाजपा ने पिछले पांच सालों केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा में किए गए कामों का आर्थिक चिट्टा खोला। भाजपा ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी आप के मुखिया और  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा के विकास को लेकर कोई भी बड़ा काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल में एक भी नया स्कूल नहीं खोला गया। यह बात उन्होंने शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कही।

इस दौरान उन्होंने दिल्ली की जनता के सामाने एक डेटा पेश किया जो राज्य की शिक्षा से संबंधित था। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का दावा है कि राजाधानी के बच्चों को जो शिक्षा मुहैया कराई जा रही है वह देश और विश्व की सबसे अच्छी शिक्षा व्यव्स्था है जबकि हकीकत यह है कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और स्वंय मैनें कई जनसभाएं दिल्ली में की। जहां हमने लोगों से पूछा कि कोई नया स्कूल बना क्या आपके क्षेत्र में जवाब में कहीं से भी जनता ने हां में उत्तर नहीं दिया?

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2019 में 10वीं के परिणाम पर नजर डाली जाये तो उत्तर प्रदेश में 80.07 प्रतिशत छात्र पास हुए और बिहार में 80.73 प्रतिशत छात्र पास हुए, बल्कि दिल्ली में केवल 71.58 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। केजरीवाल इस पर जवाब दें कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र फेल कैसे हुए जब आप विश्वस्तर की शिक्षा देने का वादा कर रहो। उन्होंने कहा कि 2015 में 500 नये स्कूल खोलने की बात कही, जिसको आज तक पूरा नहीं किया। शिक्षक बढ़ाने की बजाय 22 हजार गेस्ट टीचर घटा दिये तो सवाल उठता है कि स्कूलों में पढ़ा कौन रहा है।

उन्होंने एक आरटीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार कहते ही दिल्ली के स्कूलों में 16 लाख छात्र पढ़ रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि वर्ष 2019-20 में कुल 12 लाख 64 हजार 959 छात्र पढ़ रहे हैं। यह मैं नहीं कह रहा है एक आरटीआई रिपोर्ट बोल रही है। रिपोर्ट बताती है कि  4 लाख 98 हजार छात्र 9वीं, 10वीं  और 11वीं में फेल हुये जिन्हें दुबारा दाखिला नहीं दिया गया। प्राइवेट स्कूलों में 13 लाख 65 हजार 818 छात्र पढ़ते थे जो आज बढ़कर 16 लाख 21 हजार 364 हो गये, जिसका अर्थ साफ है कि इनका शिक्षा का बखान झूठा और खोखला है। स्कूलों के कमरे बनाने में केजरीवाल सरकार ने दो हजार करोड़ का घोटाला किया।

प्रदेश अध्यक्ष ने  कहा कि पिछले पांच सालों में केजरीवाल सरकार ने कभी शिक्षा बजट का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाई। 2015-16 में जहां 34.5 प्रतिशत, 2016-17 में 24.9 प्रतिशत, 2017-18 में 23 प्रतिशत और 2018-19 में 55 प्रतिशत से ज्यादा पैसा शिक्षा के लिये खर्च भी नहीं किया गया। शिक्षा के नाम पर झूठा दुष्प्रचार करने वालों को दिल्ली की जनता इस चुनाव में माफ नहीं करेगी।

 


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *