‘देखो अपना देश’ की 25वीं कड़ी में पूर्वोत्तर के राज्यों की सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया

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पूर्वोतर के चमत्कारों और अनुभवों को किया साझा



नई दिल्ली, 29 मई (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के बीच केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने डिजीटल तरीके से देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृतिक धरोधर, इतिहास और खान-पान से लोगों को रूबरू करा रहा है। इस क्रम में शुक्रवार को पूर्वोत्तर के राज्यों के बारे में मंत्रालय ने वेबीनार के माध्यम से ‘देखो अपना देश’ की 25वीं सीरीज में ‘नॉर्थइस्ट इंडिया फॉर द इमर्सिव ट्रेवेलर्स’ शीर्षक के तहत असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और सिक्किम की सभ्यता व सांस्कृतिक धरोहर के बारे में बताया।
जूली कागती, प्रोपराइटर, कर्टन कॉल एडवेंचर्स की ओर से प्रस्तुत इस सीरीज में स्थानीय लोगों के अस्पष्टीकृत गंतव्यों, जनजातियों, त्योहारों, शिल्प, संस्कृति के बारे में बताया गया कि उत्तर-पूर्व के राज्यों की विशेषता सिर्फ पहाड़िया ही नहीं बल्कि तलाशने और अनुभव करने के लिए बहुत कुछ है।
इस सत्र में उत्तर-भारत द्वारा प्रदान किए गए कुछ चमत्कारों और अनुभवों को भी साझा किया गया। इसमें मणिपुर और नगालैंड के बीच स्थित दजूकू घाटी शामिल प्रमुख है, जो एक विलुप्त ज्वालामुखी का गड्ढा है। यहां सबसे प्रसिद्ध डज़ुकोली प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसी तरह कोहिमा में एक से 10 दिसंबर तक मनाया जाने वाला हॉर्नबिल त्योहार नगालैंड में पर्यटकों की सुविधाओं के विकास के लिए घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
सबसे बड़ा उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश पर्यटकों को जो विकल्प पेश करता है, वह प्रस्तुतकर्ताओं द्वारा अच्छी तरह से कवर किया गया था। यह राज्य 70 प्रतिशत वन आवरण और 26 प्रमुख जनजातियों के घर के साथ यात्री को कुछ किलोमीटर के बाद नई संस्कृति, परंपरा और बोलियों का अनुभव करने का अवसर देता है। तवांग की सुंदरता, संगति घाटी जो आगंतुकों को परी-कथा के दृश्यों और लोसार त्योहार का अनुभव करने की अनुमति देती है, जो फरवरी में मनाया जाता है।
वेबीनार ने असम की महिला केंद्रित कपड़ा क्षेत्र और स्थानीय लोगों की इच्छा को खुले तौर पर साझा करने और अपनी कला और अन्य विशेष रुचि दौरे विकल्पों को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया। स्थायी पर्यटन प्रथाओं को अपनाने में सिक्किम की सफलता और पर्यावरण पर्यटन के स्तंभों का पालन करके पर्यावरणीय पारिस्थितिकी की देखभाल पर भी प्रकाश डाला गया।
उल्लेखनीय है कि ‘देखो अपना देश’ वेबीनार सीरीज 14 अप्रैल को शुरू है। इसके अब तक 25 सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें विभिन्न पर्यटन स्थलों, उत्पादों और अनुभवों को दर्शाया गया है।

 


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