देहरादून, 15 जनवरी (हि.स.)। देहरादून जिले के वसंत विहार थाना क्षेत्र में फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर पकड़ा गया है। एसटीएफ प्रभारी ने बताया कि यह कॉल सेंटर विदेश में रहने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों के अलावा सेना के रिटायर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को निशाना बनाकर मोटी कमाई कर रहा था। संयुक्त टीम ने पांच लोगों को दबोचा है। इनमें चार आरोपित दिल्ली के और एक आरोपित देहरादून का है। इस कॉल सेंटर से बड़े पैमाने पर कंप्यूटर और आरोपितों के पास से 4,34,000 रुपये नकद बरामद हुए हैं। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने टीम के उत्साहवर्धन के लिए 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (डॉट) टीम की प्रंशसा करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की घोषणा की है।
उन्होंने बताया कि यह आरोपित विदेश में रहने वालों का सोशल सिक्योरिटी नंबर ( एसएसएन) (भारत में आधार कार्ड नंबर जैसा) हैकरों से प्राप्त कर उनका व्यक्तिगत विवरण ( पता, मोबाइल फोन नंबर, बैंक विवरण, व्यवसाय आदि) प्राप्त कर उन नंबरों पर वायस ओवर इंटरनेट प्रोटोकोल (वीओआईपी) कॉल (उनके देश का नंबर कॉल पर प्रर्दशित कर) करते थे। यह लोग खुद पुलिस अधिकारी और लॉ इनफोर्समेंट एजेंसी का अधिकारी बनकर लोगों को डराते थे। मसलन-आप जो काम करते है वो गैरकानूनी है। बैंक अकाउंट का किसी ऐसे अकाउंट से संबद्ध है जो अवैध कार्य (वेश्यावृत्ति, अनधिकृत लेनदेन, जुआ में लिप्त है। आपके एसएसएन नंबर से एक पता और जुड़ा है जहां अवैध हथियार या नशा तस्करी का समान बरामद हुआ है। आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी है। आप और आपका परिवार जेल जा सकता है। आपके सभी बैंक खाते सीज होंगे। सारा पैसा जब्त होगा।
एसटीएफ प्रभारी ने बताया कि इस दौरान यह आरोपित कोरोना कॉल में उनकी बीमा पालिसी पर स्कीम व बोनस और कुछ गिफ्ट कार्ड का लालच प्रदान कर बचाने का प्रलोभन देते थे। इसके बाद उनकी सारी धनराशि अपने खातों में ट्रांसफर करा लेते थे। यह लोग डॉलर में रकम प्राप्त करके भारत में करोड़ो रुपये प्रतिमाह कमाते थे। पीड़ित अपने देश में शिकायत दर्ज कराते थे। वह शिकायतें भारत की लॉ इनफोर्समेंट एजेंसियों तक नहीं आ पाती थीं। यह कॉल सेंटर रात को संचालित होता था, क्योंकि अमेरिका एवं अन्य यूरापियों देशों में उस समय दिन होता है।
एसटीएफ प्रभारी ने बताया कि इस सूचना के बाद एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार एवं पुलिस उपाधीक्षक अकुंश मिश्रा के नेतृत्व में निरीक्षक पकंज पोखरियाल, उप निरीक्षक उमेश कुमार, डॉट, साइबर पुलिस थाना देहरादून और थाना वसंत विहार की संयुक्त टीम का गठन किया गया। इस टीम ने गुरुवार देररात क्वीन्स टावर पर संचालित इस फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर पर दबिश दी। यहां मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की गई। वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इन लोगों ने सिर्फ यह कहा कि वह पहले दिल्ली में कार्य करते थे। उनके सीनियर दिल्ली और नोएडा में रहते हैं। उनके मिले डेटाबेस के आधार पर वह लोग यहां से संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वालों को फोन कर अपने जाल में फंसाते हैं।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपित आयुष्मान मल्होत्रा और अन्य से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि डेटाबेस उपलब्ध कराने वाला मुख्य सहयोगी लक्ष्य देता है। लक्ष्य पूरा होने पर निर्धारित वेतन और कमीशन मिलता है। इस संबंध में वसंत विहार थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। यह आरोपित वसंत विहार के प्रगति विहार अपार्टमेंट में किराये के फ्लैट में रहते थे।
गिरफ्तार आरोपित
1-दानिश अत्री पुत्र चन्दू अत्री, उम्र 25 वर्ष, विष्णु गार्डन, नई दिल्ली।
2- संदीप गुप्ता पुत्र रामनैन गुप्ता, उम्र 22 वर्ष, मंगोलपुरी नई दिल्ली
3-अर्चित विलफ्रिड पुत्र सुरक्षित रोनेन, उम्र 26 वर्ष, शनि मंदिर कैनाल रोड, देहरादून।
4- नारायण अधिकारी पुत्र जग पाराशर अधिकारी, उम्र 21 वर्ष, सेक्टर 07 रोहिणी, दिल्ली।
5-आयुष्मान मल्होत्रा पुत्र अजय मल्होत्रा, उम्र 27 वर्ष, शाहदरा, नई दिल्ली
क्या-क्या हुआ बरामद
-21 कंप्यूटर सीपीयू के साथ, आठ मोबाइल फोन, एक आई पैड (4-01 डब्ल्यू आईफाई-5), 4,34,000 रुपये नकद, फार्च्यूनर कार, तीन घड़ियां ( इंटरनेशनल टाइम जोन देखने के लिए)।