नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। भारत-चीन सीमा पर चल रही हलचल आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे के दौरे के बाद से शांत हैं लेकिन अब सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेने रक्षामंत्री खुद जा सकते हैं। दरअसल लेह से आते ही आर्मी चीफ ने रक्षामंत्री को पूरी जानकारी दी। इस मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) विपिन रावत भी मौजूद थे। नरवणे ने चीन की हरकतों के साथ-साथ गलवान के इलाके में तैनाती के बारे में जानकारी दी।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने हैं। बैठक के दौरान जनरल नरवणे ने रक्षामंत्री सिंह से एलएसी पर भारत की तैयारियों का अवलोकन करने के लिए कहा। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में भारतीय और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों की सीमा पर भिड़ंत के बाद की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी। आर्मी चीफ ने चीनी सैनिकों के एलएसी पर भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के बारे में भी बताया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हुई इस बैठक के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह खुद सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेने जा सकते हैं।
हालांकि आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे के दौरे के बाद से दोनों ओर से सैनिकों की बढ़ोतरी किए जाने के अलावा कोई नया विवाद नहीं हुआ है। दोनों देशों की सेनाओं के सीमा पर अपनी उपस्थिति बरकरार रखने के टेंट लगाए हैं और एक-दूसरे की गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहे हैं। ईस्टर्न लद्दाख में फिंगर-4 के पास दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने डटे हैं। पैंगोग त्सो लेक से आगे के पहाड़ी इलाके में आठ पहाड़ हैं। भारत का कहना है कि फिंगर-1 से फिंगर-8 तक का पूरा इलाका भारत का है, जबकि चीन फिंगर-8 से फिंगर-2 तक के इलाके पर अपना दावा करता है।फिंगर-2 के कुछ पीछे भारतीय सेना ने अपना कैंप बना रखा है, जबकि चीनी सैनिक फिंगर-8 से पीछे जमे हैं। चूंकि फिंगर-2 से फिंगर-8 तक का इलाका ऐसा है जहां से दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने दिखते हैं, इसीलिए यही विवाद की जड़ है। भारतीय और चीन के सैनिक इस वक्त फिंगर-4 के पास आमने-सामने डटे हैं। गलवान नदी के पास भी 2-3 जगहों पर चीन के सैनिक आ गए हैं।
रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी का मानना है कि चीन अपने सैनिकों के साथ लद्दाख क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पार एक से तीन किलोमीटर तक भारत में घुसपैठ करके बैठा है। चीन के अतिक्रमण का लक्ष्य भारत की स्थिति पर नजर बनाए रखना है। जब तक चीन के सैनिक भारत की सीमा में रहेंगे, तबतक यथास्थिति में बदलाव नहीं हो सकता। चीन ने पहली बार भारत पर चीनी क्षेत्र में ‘अतिक्रमण’ का आरोप लगाते हुए खुद अपने अतिक्रमण के लिए एक ‘स्मोकस्क्रीन’ बनाई जिसे चीनी घुसपैठ कहा जा रहा है।