नई दिल्ली, 26 मई (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लद्दाख में चीन सीमा पर स्थिति को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। बैठक में लद्दाख क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्री को चीन से लगी सीमा पर मजबूत किए जा रहे आधारभूत ढांचे की जानकारी दी गई। उन्होंने चीन की आपत्तियों के बावजूद सीमा पर सड़क बनाने और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम जारी रखने का निर्देश दिया।
रक्षा मंत्री ने सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक में शेकतकर समिति की रिपोर्ट और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में स्पष्ट कर दिया गया कि चीन से बातचीत तो चलती रहेगी, लेकिन भारतीय सेना वहां अपनी संप्रभुता से बिल्कुल भी समझौता नहीं करेगी बल्कि अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए निर्माण कार्य जारी रखेगी। इसके साथ ही भारत अपना सैन्य दल चीन के मुकाबले बढ़ाता रहेगा। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पिछले सप्ताह स्थिति की समीक्षा के लिए लद्दाख का दौरा किया था, जहां चीनी सैनिकों ने करीब 100 टेंट लगाये थे।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने हैं। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में भारतीय और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों की सीमा पर भिड़ंत के बाद की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी और चीनी सैनिकों के एलएसी पर भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के बारे में भी बताया। इतना ही नहीं उन्होंने रक्षामंत्री सिंह से एलएसी पर भारत की तैयारियों का अवलोकन करने के लिए भी कहा।
विदेश मंत्रालय पहले ही अपने आधिकारिक बयान में कह चुका है कि सभी भारतीय गतिविधियां पूरी तरह वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी भारतीय क्षेत्र में हो रही हैं। इस संबंध में चीन का दावा सही नहीं है। भारतीय सेना को एलएसी का पूरा ध्यान है तथा वह इसका पूरी तरह पालन करती है। वास्तव में चीन की ओर से ही हाल में ऐसी गतिविधियां हुई हैं जिनसे भारतीय टुकड़ियों की नियमित गश्त में बाधा पैदा होती है। जबकि चीन का आरोप था कि भारतीय सैनिकों ने तनाव की शुरुआत की और लद्दाख और सिक्किम सेक्टरों में एलएसी को पार किया। चीनी सेना ने भारतीय सीमा पर गश्त में बाधा डालने का आरोप लगाया। इन घटनाओं केे बाद भारत और चीन ने सीमा पर लद्दाख की गलवान घाटी में अतिरिक्त सेनाएंं तैनात की हैं।
हालांकि आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे के दौरे के बाद से दोनों ओर से सैनिकों की बढ़ोत्तरी किए जाने के अलावा कोई नया विवाद नहीं हुआ है। दोनों देशों की सेनाओं के सीमा पर अपनी उपस्थिति बरकरार रखने के लिए टेंट लगाए हैं और एक-दूसरे की गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहे हैं। ईस्टर्न लद्दाख में फिंगर-4 के पास दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने डटे हैं। चाइनीज भारतीय ठिकाने के सामने रोड बना रहे हैं। भारतीय पक्ष ने इस पर आपत्ति भी जताई है लेकिन उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण जारी रखा है। गलवान इलाके में भारतीय सेना एक पुल बना रही है जिस पर चीनी सैनिकों ने आपत्ति जताई और सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा दी है।