नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दार्जिलिंग में सुकना युद्ध स्मारक में शस्त्र पूजन किया। आज सुबह दार्जिलिंग में सुकना युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और जवानों को संबोधित किया। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी उपस्थित रहे। उन्होंने पूजन के बाद कहा कि भारतीय सेना के जवानों से भेंट करके मुझे हमेशा बेहद ख़ुशी होती है। उनका मनोबल बहुत ऊंचा रहा है, इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। भारत चाहता है कि तनाव ख़त्म हो और शांति स्थापित हो। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि हमारी सेना भारत की एक इंच ज़मीन भी दूसरे के हाथ में नहीं जाने देगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शनिवार को दार्जिलिंग पहुंचे थे। वहां से हेलीकॉप्टर के माध्यम से 33वीं कॉर्प सेना मुख्यालय सुकना पहुंचे। बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सुकना कॉर्प का दौरा किया। सेना की इसी कॉर्प को चीन के साथ भूटान और चीन सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई है। रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख ने देर शाम को सुकना सैन्य शिविर में उत्तर-पूर्व क्षेत्र में परिचालन स्थिति और सैन्य तैयारियों की समीक्षा की। आज सुबह दार्जिलिंग में सुकना युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की और जवानों को संबोधित किया।
रक्षा मंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हमेशा अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध चाहता है, हमने हमेशा उसी के लिए प्रयास किया है। इसके बावजूद हमारे जवानों को समय-समय पर अपनी सीमाओं, अखंडता और सार्वभौमिकता की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान करना पड़ा है।
इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आगे के क्षेत्रों का दौरा कर सैनिकों से बातचीत करेंगे। रक्षा मंत्री रविवार को सिक्किम सेक्टर में एलएसी के पास शेरथांग, नाथू ला और अन्य आगे के इलाकों का दौरा करेंगे।इस दौरान वह चीन सीमा पर सिक्किम के नाथूला क्षेत्र में तैनात सैनिकों के साथ दशहरा के अवसर पर ‘शस्त्र पूजन’ करेंगे। अपनी यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री सिक्किम सेक्टर में सीमा सड़क संगठन की एक बुनियादी ढांचा परियोजना का उद्घाटन करेंगे। वह ‘प्रोजेक्ट स्वास्तिक’ के तहत कुछ परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे, जिसमें सिक्किम में जेएनएम वैकल्पिक पहुंच मार्ग भी शामिल है। रक्षा मंत्री आज ही सिक्किम सेक्टर में बनाये गए कई रणनीतिक पुलों का उद्घाटन और शुभारंभ भी करेंगे।
रक्षा मंत्री ने पिछले साल वायुसेना के फाइटर पायलटों की टीम के साथ 8 अक्टूबर को पहला राफेल लेने के लिए फ्रांस के बॉर्डेक्स में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में गए थे। इसी दिन विजयादशमी पर्व पर उन्होंने फ्रांस में पहला राफेल लड़ाकू विमान हासिल करके उसका शस्त्र पूजन किया था। भारत में कई जगह दशहरा पर्व पर शस्त्रों की पूजा करने का रिवाज है। इसीलिए इस बार इसी दिन चीन से लगी सीमा पर जाकर सैनिकों के साथ शस्त्र पूजन करने का फैसला लिया गया। चीन सीमा पर दशहरा मनाने का मकसद यहां तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाना भी है।
राजनाथ सिंह की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध को कम करने के लिए सैन्य वार्ता चल रही है। एलएसी पर तीन बार फायरिंग की घटना भी हो चुकी है और गलवान की हिंसक झड़प में दोनों देशों के जवान अपनी जान गंवा चुके हैं। इसलिए रक्षा मंत्री उन स्थानों पर भी जा सकते हैं, जहां भारत ने चीन की ओर से होने वाली संभावित घुसपैठ की कोशिश को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों और टैंकों की तैनाती की है।