​रक्षा मंत्री बोले- भारत के पड़ोसी ​आतंकवाद के समर्थक

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आसियान ​देशों के ​रक्षा मंत्रियों की बैठक ​में चीन और पाकिस्तान को घेरा​ राजनाथ बोले, भारत-प्रशांत क्षेत्र के सामने कई तरह के सुरक्षा खतरे 



नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (हि​​.स.)​​। ​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​​आसियान ​देशों के ​रक्षा मंत्रियों की बैठक ​में चीन और पाकिस्तान को घेरा​ चीन के रक्षा मंत्री की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि ​विवादों का शांतिपूर्ण समाधान बातचीत के माध्यम से​, अंतर​राष्ट्रीय नियमों और कानूनों का पालन​ करने से ही हो सकता है​।​ ​साथ ही पाकिस्तान की​ ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद क्षेत्र और दुनिया के लिए एक बड़ा संकट है। उन्होंने दोहराया कि भारत के पड़ोस ​में ​​आतंकवाद को समर्थन और बनाए रखने वाली संरचनाएं मौजूद हैं। ​​  

 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को हनोई, वियतनाम में एडीएमएम-प्लस की 10वीं वर्षगांठ पर आयोजित 14वें ​​आसियान ​देशों के ​रक्षा मंत्रियों की बैठक ​​को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे राजनाथ सिंह ने ​चीन की ओर इशारा करते हुए आपसी विश्वास के ​साथ ​उन गतिविधियों और कार्यों पर संयम ​बरतने ​की सलाह दी, जो इस क्षेत्र की स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। ​उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि आतंकवाद क्षेत्र और दुनिया के लिए एक बड़ा संकट है। ​​उन्होंने दोहराया कि भारत के पड़ोस ​में आतंकवाद को समर्थन और बनाए रखने वाली संरचनाएं मौजूद हैं। उन्होंने संयुक्त रूप से और दृढ़ता से आतंकवाद से लड़ने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता और अंतरराष्ट्रीय तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता जताई। ​​उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में ​​भारत-प्रशांत क्षेत्र विशेष रूप से कई पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों का सामना कर​ रहा है। 
 
एडीएमएम प्लस 10 आसियान देशों और आठ भागीदार देशों के रक्षा मंत्रियों की एक वार्षिक बैठक है।​ ​एडीएमएम-प्लस आसियान देशों के आठ साझेदारों का एक ऐसा मंच है, जो क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए काम करता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा क्षेत्रीय वातावरण के बीच हम आसियान के नेतृत्व वाले मंचों की सराहना करते हैं, जिसमें एडीएमएम प्लस भी शामिल है। आसियान-केंद्रित ​इस ​मंच की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित​ करते हुए उन्होंने कहा कि यह मंच एशिया में बहुलवादी, सहकारी सुरक्षा व्यव​​स्था​​ के लिए संवाद और जुड़ाव को बढ़ावा देता है।  
​​उन्होंने रणनीतिक संवाद और व्यावहारिक सुरक्षा व्यस्तताओं के माध्यम से बहुपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में पिछले एक दशक में ​​एडीएमएम प्लस की सामूहिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।​उन्होंने समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत, आतंकवाद विरोधी और शांति बनाए रखने वाले अभियानों सहित प्रमुख डोमेन में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सात विशेषज्ञ कार्य समूहों की उपलब्धियों की सराहना की।​ रक्षा मंत्री ने क्षेत्रीय और अंतर​राष्ट्रीय सुरक्षा पर्यावरण पर चर्चा​ करते हुए भारत के परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत किया।​ उन्होंने पिछले साल की ईस्ट एशिया समिट में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव के शुभारंभ को याद ​करते हुए कहा कि ​यह खुली वैश्विक पहल है, जो मौजूदा क्षेत्रीय विकास वास्तुकला और तंत्र पर आधारित है। 
 
उन्होंने ​​आसियान सदस्य देशों, अमेरिका, रूस, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के रक्षा मंत्रियों को संबोधित करते हुए भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक खुला और समावेशी आदेश देने पर जोर दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन के अनुसार अंतरराष्ट्रीय जल ​कानून के अनुसार सभी के लिए नेविगेशन की स्वतंत्रता और अधिक उड़ान के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। राजनाथ सिंह ने ​कोविड-19 ​की वजह से ​लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद एडीएमएम​ ​प्लस सहित आसियान से संबंधित रक्षा कार्यक्रमों के उत्कृष्ट संचालन के लिए वियतनाम को धन्यवाद दिया। उन्होंनेनए अध्यक्ष के रूप में​ ब्रुनेई दारुस्सलाम ​का स्वागत किया और ​​शुभकामनाएं दीं।
 

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