नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। चीन के साथ लंबे समय से चल रहे तनाव और पाकिस्तान की ओर से लगातार जारी आतंकी घुसपैठ के बीच खरीद और सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए 18% की वृद्धि के साथ रक्षा क्षेत्र का बजट 1.37% बढ़ाकर 4,78,196 लाख करोड़ रुपये किया गया है। यह रक्षा पूंजीगत व्यय में लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि है। भारतीय वायुसेना के पूंजीगत व्यय में लगभग 23% की वृद्धि हुई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे 15 वर्षों में रक्षा के लिए पूंजी परिव्यय में सबसे अधिक वृद्धि बताया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने ऐलान किया कि देश में करीब 100 नए सैनिक स्कूल बनाए जाएंगे और लेह में केंद्रीय यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी। पिछले साल के मुकाबले आज के बजट में भारतीय वायुसेना के पूंजीगत व्यय में लगभग 23% की वृद्धि हुई है। वायुसेना को 36 अतिरिक्त राफेल के ऑर्डर को पूरा करने के लिए पूंजीगत बजट में कम से कम 12-15% की वृद्धि की आवश्यकता थी। हालांकि वायुसेना को और मजबूत करने के लिए इस वृद्धि को भी कम से कम 10% सालाना वृद्धि के साथ कई वर्षों तक बरकरार रखना होगा।
अपने भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लेह में केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाए जाने का ऐलान किया है। लद्दाख में रहने वाले सभी छात्रों को आसानी से उच्च शिक्षा प्राप्त हो सके, इसके लिए सरकार ने यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय लिया है। इसी के साथ भविष्य में एनजीओ, प्राइवेट स्कूलों और राज्यों के साथ भागेदारी में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने का ऐलान किया है। भारत का रक्षा बजट पिछले वित्तीय वर्ष में 471378 करोड़ रुपये था जिसे वर्ष 2021-2022 के लिए बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
हालांकि ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारी और तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण को देखते हुए इस बार के केंद्रीय बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 6 लाख करोड़ तक बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद की जा रही थी। रक्षा मंत्रालय को 4,78,195.62 करोड़ आवंटित किए गए हैं। इसमें पेंशन के लिए 3.62 लाख करोड़ है, जबकि पिछले वर्ष 3.37 लाख करोड़ आवंटित किये गये थे। यानी पिछले साल के मुकाबले इस साल पेंशन का बजट 7.4% कम किया गया है। इस बार के बजट में हथियारों और आधुनिकीकरण को प्रमुख रूप से बढ़ावा दिया गया है। इस बजट में हथियारों की खरीद और सेनाओं के आधुनिकीकरण का परिव्यय पिछले वर्ष 113734 लाख करोड़ से 18% बढ़ाकर 2021-22 के लिए 135060 करोड़ किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2021-22 का बजट बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ करने के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद देता हूं, जिसमें 1.35 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय शामिल है। रक्षा पूंजीगत व्यय में यह लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि है। यह 15 वर्षों में रक्षा के लिए पूंजी परिव्यय में सबसे अधिक वृद्धि है। बजट में भारत के आर्थिक सुधारों, रोजगार सृजन, पूंजी निर्माण और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है। सुशासन के 6 स्तंभों के आधार पर यह बजट भारत को समावेशी विकास और समृद्धि के एक नए युग में ले जाएगा।