कोलकाता, 29 जून (हि.स.) । सिंदूर, मेहंदी एवं पारंपरिक साड़ी पहनकर संसद में शपथ लेने वाली पश्चिम बंगाल के बसीरहाट से टीएमसी की सांसद नुसरत जहां के खिलाफ सहारनपुर के इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी किया है। इसे लेकर चौतरफा निंदा हो रही है। इस मुद्दे पर नुसरत जहां को रायगंज से भाजपा सांसद और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री देवश्री चौधरी का साथ मिला है। शनिवार को रायगंज सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में देवश्री चौधरी ने कहा कि नुसरत जहां के खिलाफ फतवा जारी करने वालों को समझ लेना चाहिए कि वह पाकिस्तान में नहीं भारतवर्ष में रहते हैं। उनके फतवा का यहां कोई असर होने वाला नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है। इसे लेकर कोई किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता। कौन किस धर्म का है और किस रीति-रिवाज का पालन करता है, यह तय करने का अधिकार किसी अन्य को नहीं है। इसलिए फतवा जारी करने वालों को अपनी आदत से बाज आनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कोलकाता के साड़ी व्यवसायी निखिल जैन से शादी करने के बाद गुरुवार को नुसरत जहां संसद भवन पहुंचीं और उन्होंने सांसद के तौर पर शपथ ली थी। तब सिंदूर, साड़ी, मेहंदी, शाखा पोला पहनने के साथ-साथ नुसरत ने जब शपथ ली तब उन्होंने अपना नाम रूबी जैन बताया था। इसे लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने नुसरत जहां पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। इस मामले पर बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों में नुसरत का साथ देना शुरू किया है। अब देवश्री चौधरी ने भी नुसरत के पक्ष में बयान दिया है।