गिरिराज सिंह के ट्वीट से तलाक और हलाला पर छिड़ी बहस

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गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि ‘तीन तलाक/हलाला जैसी कुरीतियां बढ़ते हिंदुस्तान के माथे पर कलंक हैं। इन कुरीतियों के खिलाफ बनने वाले कानून का विरोध करने वाले मुस्लिम महिलाओं को दोज़ख की जिंदगी जीने  पर मजबूर कर रहे हैं।’ भाजपा सांसद ने कहा कि ‘हमने अतीत में बालविवाह और सतीप्रथा जैसी कुरीतियों को समाज से निकाला एवं इसके खिलाफ कानून बनाया।’



बेगूसराय, 22 जून (हि.स.)। लोकसभा में पेश किए गए निकाह अधिकार संरक्षण विधेयक का विपक्ष द्वारा विरोध किए जाने पर केन्द्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने फिर एक बार तलाक और हलाला को लेकर ट्विटर बम फोड़ा है।

गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि ‘तीन तलाक/हलाला जैसी कुरीतियां बढ़ते हिंदुस्तान के माथे पर कलंक हैं। इन कुरीतियों के खिलाफ बनने वाले कानून का विरोध करने वाले मुस्लिम महिलाओं को दोज़ख की जिंदगी जीने  पर मजबूर कर रहे हैं।’ भाजपा सांसद ने कहा कि ‘हमने अतीत में बालविवाह और सतीप्रथा जैसी कुरीतियों को समाज से निकाला एवं इसके खिलाफ कानून बनाया।’

राष्ट्रवादी विचारधारा से ओत-प्रोत रहने वाले गिरिराज सिंह हमेशा से ही अपने वक्तव्य को लेकर चर्चा में रहते हैं। बेगूसराय में लोकसभा चुनाव में और उसके बाद भी उन्होंने कई ऐसा बयान दिए जिसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होती रही है।

इधर, तलाक और हलाला पर गिरिराज सिंह के मुखर होते ही ट्विटर पर लंबी बहस छिड़ गई है। यूजर तीन तलाक कानून को कड़ाई से लागू करने, जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने आदि की मांग करने लगे हैं। एक यूजन ने कहा कि ओवैसी ने इसका विरोध करके यह साबित कर दिया कि इस्लाम धर्म में एक औरत की क्या हैसियत होती है। देश की सभी समस्याओं का समाधान है जनसंख्या नियंत्रण कानून। जबकि दूसरे यूजर ने गिरिराज सिंह से अयोध्या में राम मंदिर के लिए भी सार्थक पहल कर मंदिर निर्माण कराने की मांग की है।

इसके अलावा, कुछ लोगों ने ट्विटर के जरिए धर्म विशेष के लोगों पर कानून थोपने के बजाय उन्हें जागरूक करने का पक्ष रखा है।

 


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