डेटा सेन्टर पार्क: मुख्यमंत्री योगी ‘भूमि पूजन’ में वर्चुअल हुए शामिल, बताया भविष्य के विकास की आधाशिला

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कहा, फाइव ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की जिम्मेदारी केवल भारत सरकार की नहीं, सामूहिक प्रयास जरूरी 



लखनऊ, 29 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रेटर नोएडा में डेटा सेन्टर पार्क के ‘भूमि पूजन’ में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने मुम्बई के हीरानंदानी समूह को डेटा सेन्टर पार्क स्थापित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह राज्य का पहला डेटा सेंटर है। यह भविष्य के विकास की आधारशिला है। डेटा के महत्व को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हम समझ सकते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत की इकोनॉमी को फाइव ट्रिलियन यूएस डॉलर बनाने की दिशा में जो प्रयास होने हैं, उसको लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक लक्ष्य पूरे देश के सामने रखा है। यह केवल भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, इसमें सभी राज्य सरकारें, सभी निवेशक, उद्योगपति और अर्थ क्षेत्र के जुड़े सभी विशेषज्ञ मिलकर जोड़ेंगे तो एक समय सीमा के अंदर इस लक्ष्य को हासिल करने में भारत को देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में यह सारे प्रयास प्रारंभ हुए हैं। 
 
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश निवेश का सबसे अच्छा डेस्टिनेशन है। यहां एनसीआर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना अथॉरिटी के साथ-साथ प्रदेश के जो अन्य स्थल हैं, उन सभी में हमने इस प्रकार के संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी सफलता इस बात पर है कि प्रदेश में आने वाला प्रत्येक निवेशक अपने आप को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करें। 
 
इस प्रकार का वातावरण बनाने का हमने पूरा प्रयास किया है। इसी का परिणाम है कि भारत सरकार ने 2019 में बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान के तहत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा 187 सुधारों की जो प्रक्रिया प्रारंभ की थी उनमें उत्तर प्रदेश में 186 सुधारों को प्रदेश में लागू किया। उन्होंने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस में 2019 में उत्तर प्रदेश 14वें स्थान पर था। 2017 में 12वें स्थान पर और आज इज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के कार्यक्रम प्रदेश में आए हैं, आने वाले समय में प्रदेश की और अच्छी रैंकिंग होगी। 
 
मुख्यमंत्री ने हीरानंदानी ग्रुप का धन्यवाद करते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों से हम प्रदेश के अन्तर्गत डेटा सेन्टर की स्थापना की दिशा में कार्य आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे। पिछले आठ महीनों से कोरोना मैनेजमेंट पर सभी व्यस्त रहे। इस कार्यक्रम को लेकर जुलाई माह में प्रस्तुतीकरण देखने के बाद उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि भारत सरकार की नीति आने से पहले उत्तर प्रदेश की अपनी पॉलिसी होनी चाहिए और जितनी जल्दी हो सके हमें अपनी पॉलिसी लांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि पब्लिक डोमेन में हमारी पॉलिसी आए, उससे पहले ही हीरानंदानी ग्रुप का यह निर्णय हुआ, इसके लिए प्रदेश की जनता की ओर से उन्हें आभार है। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हीरानंदानी समूह ने जो विश्वास प्रदेश पर जताया है, उसके लिए सरकार हर स्तर पर उनका सहयोग करेगी। अगर कहीं भी किसी भी स्तर पर फिर भी अड़चन दिखाई देती है तो मुख्यमंत्री कार्यालय हमेशा उन सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए खड़ा है, क्योंकि हमें मालूम है कि प्रदेश के अंदर होने वाला निवेश न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को बल्कि प्रदेश के अंदर रोजगार की उन व्यापक संभावनाओं को भी आगे बढ़ाता है, जिससे प्रत्येक चेहरे पर खुशहाली आती है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग 22 सेक्टोरियल पॉलिसीज के माध्यम से निवेश के संभावनाओं को आगे बढ़ाया गया है। राज्य में 25 हजार एकड़ का लैंड बैंक पहले से मौजूद है। प्रदेश निवेष मित्र पोर्टल अपने आप में यूनीक है। उन्होंने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर में भी हम निवेश के कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहे हैं। अब तक 50 हजार करोड़ से अधिक के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इसके अलावा कोरोना कल में भी अलग-अलग क्षेत्रों में प्रदेश में दस देशों से 45 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तव मिले हैं।

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