नई दिल्ली, 23 दिसम्बर (हि.स.)। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार किए 15 प्रदर्शनकारियों की ज़मानत अर्जी खारिज कर दिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कपिल कुमार ने कहा कि फिलहाल उन्हें हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त कारण मौजूद हैं।
कोर्ट ने कहा कि सभी प्रदर्शनकारियों को ड्यूटी पर तैनात पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया। इनकी ओर से पुलिस पर पत्थरबाजी की गई जिससे उन्हें चोटें आई। इस हिंसा को करने की कोई वजह नजर नहीं आती है। आरोपितों के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर हैं। कोर्ट ने कहा कि इन आरोपितों को जमानत दिए जाने का कोई आधार नजर नहीं आता है। इन आरोपितों की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही थी जिसके बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था। आरोपितों के वकील ने कोर्ट से कहा कि आरोपी बेहद कमजोर पृष्ठभूमि के हैं। वे गवाहों को न तो प्रभावित कर सकते हैं और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच अधिकारी ने कहा कि डीसीपी कार्यालय पर पथराव किया गया था। पुलिस का कहना था कि ये लोग पुलिस पर पत्थरबाजी , कार जलाने जैसी हरकतों में शामिल थे ।
पिछले 21 दिसम्बर को कोर्ट ने सभी 15 आरोपितों को आज तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया था उनमें मोहम्मद अतहर, साबिल अली, मोहम्मद अशफाक, इरफानुद्दीन, अब्बास, दानिश मलिक, आमिर, रेहान, आतिफ, हैदर अली, जाहिद, फुरकान, दानिश, शमशेर शाह और मोहम्मद अली शामिल हैं। पिछले 21 दिसम्बर को पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि सोची समझी रणनीति के तहत ये हमला किया गया। इसमें कई पुलिस वाले भी घायल हुए हैं। आरोपितों की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि कुछ धाराओं को छोड़कर सभी जमानती हैं।