अब तूफान ‘यास’ से मुकाबला करने को तैयार नौसेना और तटरक्षक बल

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नौसेना ने प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही तैनात किये तीन जहाज, ​बाढ़ राहत, गोताखोर टीमें  ​आईसीजी​ ने डोर्नियर विमानों​, जहाजों, चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा​



नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)​​​​।​ नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने चक्रवात ताउते से निपटने के बाद अब ‘यास’ से मुकाबला करने की तैयारी तेज कर दी है​। ​​​बंगाल की खाड़ी के ऊपर और उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ ​​रहे तूफान पर भारतीय नौसेना ​की पैनी नजर है​। ​​​नौसेना ने ​तीन जहाजों, ​बाढ़ राहत, गोताखोरी टीमों को पहले से ​ही ​तैनात ​कर दिया ​है​​। आईसीजी​ ने भी ​बचाव और राहत कार्यों के लिए अपने जहाजों और विमानों को स्टैंडबाय पर रखा है।​ ​अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी अंडमान समुद्र में चक्रवाती तूफान​ ‘यास’​ तेज होने की संभा​​वना है​​।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चक्रवात ‘यास’ के मद्देनजर मछुआरों को 22-24 मई के दौरान दक्षिण-पूर्व और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में न जाने की सलाह दी है​​। इसके अलावा 23 से 25 मई तक बंगाल की मध्य और उत्तरी खाड़ी में भी मछुआरों को जाने से रोका है​​। पूर्वानुमान के अनुसार 22 मई के आसपास उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके अगले 72 घंटों में एक चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 26 मई की शाम को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। उत्तरी अंडमान सागर में अगले 24 घंटों के दौरान निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान के रूप में तेज होने की संभावना है। ​​

चक्रवात ‘यास’ से मुकाबला करने के लिए आईसीजी ने पूर्वी तट पर व्यापक एहतियाती उपाय शुरू कर दिए हैं। तटरक्षक डोर्नियर विमानों और जहाजों, चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है। सभी तटीय क्षेत्रों, जलयान और विमानन इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बंगाल की खाड़ी में मौसम के विकास की बारीकी से निगरानी की जा रही है। तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ अंडमान और निकोबार द्वीपों में आईसीजी रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन (आरओएस) लगातार मौसम चेतावनी संदेश दे रहे हैं। एमएमबी रेडियो पर अंग्रेजी और स्थानीय भाषा दोनों में नियमित अंतराल पर व्यापारी जहाजों, मछली पकड़ने वाली नौकाओं, मत्स्य सर्वेक्षण, अनुसंधान में लगे जहाजों, तेल रिग, आवास बार्ज, अपतटीय विकास क्षेत्रों (ओडीए) आदि के जहाजों को सतर्क करने के लिए प्रसारण किया जा रहा है।

भारतीय नौसेना ​भी ​चक्रवाती तूफान की आवाजाही पर करीब से नजर रखे हुए है।​ पश्चिम बंगाल और ओडिशा क्षेत्र में पूर्वी नौसेना कमान और नौसेना के प्रभारी अधिकारियों ने चक्रवात ‘​या​स’ के प्रभावों का मुकाबला करने के लिए प्रारंभिक तैयारियां पूरी कर ली हैं​।​ ​जरूरत पड़ने पर तटीय क्षेत्र में सहायता प्रदान करने के ​​लिए ​​राज्य प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है​​।​ ​तैयारियों के हिस्से के रूप में आठ बाढ़ राहत दल और चार गोताखोर दल मौजूदा संसाधनों को बढ़ाने के लिए ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तैनात ​कर दिए गए ​हैं। ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट के सबसे अधिक​ संभावित प्रभावित क्षेत्रों में ​मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) ​के लिए ​चार नौसैनिक जहाज​​ गोताखोरी और चिकित्सा टीमों ​​के साथ स्टैंडबाय पर हैं।​ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने, हताहतों को निकालने और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री हवा में गिराने के लिए नौसेना के विमानों को ​​​नौसेना वायु स्टेशनों​ ​विशाखापत्तनम में​​ ​आईएनएस देगा और चेन्नई के पास आईएनएस राजाली में तैयार रखा गया है।


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