पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर 16 मई को पहुंचेगा चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’

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दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना:आईएमडी  पश्चिम बंगाल में 19 मई को भारी और मध्यम बारिश की संभावना तटीय ओडिशा के कई हिस्सों में भारी वर्षा होगी, केरल में येलो अलर्ट  जारी



नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में 16 मई की शाम को एक चक्रवाती तूफान की भविष्यवाणी की है । इस तूफान का नाम अम्फान (Amphan) है , यह नाम थाईलैंड ने दिया है। बंगाल की खाड़ी में मौसमी स्थितियां और वायुमंडलीय स्थितियां अनुकूल दिख रही हैं, इसलिए संभावना है कि अगले 24 घंटों में यह सिस्टम प्रभावी होते हुए डिप्रेशन का रूप ले लेगा और 16 मई की शाम तक दक्षिण-मध्य और उससे सटे पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक ‘चक्रवाती तूफान’ उभर जाएगा।

आईएमडी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यदि यह तूफान विकसित हुआ तो पहले 17 मई को उत्तर और उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और फिर इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। अगले 24 घंटे में और सटीक अनुमान लग सकेगा कि ‘चक्रवात’ की दिशा क्या होगी, विभाग के अनुसार यह’ चक्रवात’ मानसून की प्रगति में मदद करेगा।

आईएमडी के अनुसार इससे अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 16 मई को कई स्थानों पर भारी बारिश के आसार हैं, इसलिए केरल में येलो अलर्ट  जारी किया गया है। आईएमडी ने कहा कि इसके 17 मई तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की बहुत संभावना है। फिर उत्तर-पूर्व की ओर 18-19 मई को बंगाल की उत्तरी खाड़ी की ओर बढ़ेगा। इसकी वजह से तटीय ओडिशा के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होगी। हवा की गति भी 60-70 किमी प्रति घंटे तक बनी रहेगी। चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल में 19 मई को कुछ स्थानों पर भारी और मध्यम बारिश की संभावना है। चक्रवात की वजह से दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी ओड़िशा, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक तमिलनाडु में भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की है।

गहरे समुद्र क्षेत्र के लिए चेतावनी
आईएमडी ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे 15 मई से दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी में न जाए। इन क्षेत्रों में समुद्र में रहने वाले लोगों को वापस लौटने की सलाह दी गयी है। इसके अलावा, मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे उत्तर आंध्र से दूर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में न जाए। 18 मई को उत्तर बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ ओडिशा-पश्चिम बंगाल में तटबन्ध पर न जाने की सलाह दी गयी है। साथ ही सभी मछुआरों को इन क्षेत्रों में समुद्र से बाहर 17 मई तक वापस लौटने की सलाह दी गयी है।
क्यों आते हैं ‘चक्रवात’?
पृथ्वी के वायुमंडल में हवा होती है, समुद्र के ऊपर भी जमीन की तरह ही हवा होती है, हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है, जब हवा गर्म हो जाती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जब समुद्र का पानी गर्म होता है तो इसके ऊपर मौजूद हवा भी गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, इस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है. लेकिन पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, इसे ‘चक्रवात’ कहते हैं।

 


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