राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार पर अंतिम निर्णय खेल मंत्रालय लेगा : किरण रिजिजू

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इंग्लैंड के बर्मिघम में होने वाले अगले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया गया है जिसके बाद से ही भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) खेलों का बहिष्कार करने की बात कर रहा है।



बेंगलुरु, 28 सितम्बर (हि.स.)। भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा द्वारा राष्ट्रमंडल खेलों का बहिष्कार किये जाने के बयान के दो दिनों बाद खेल मंत्री किरण रिजिजू ने स्पष्ट कर दिया है कि 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार पर अंतिम निर्णय खेल मंत्रालय ही लेगा। इंग्लैंड के बर्मिघम में होने वाले अगले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया गया है जिसके बाद से ही भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) खेलों का बहिष्कार करने की बात कर रहा है।

रिजिजू शुक्रवार को अंजू बॉबी स्पोर्ट्स फाउंडेशन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेलों में खेलों के अलावा एक बड़ा संदेश भी होता है। अब अंतरराष्ट्रीय खेल में कोई गुटबाजी या ‘समूहवाद’ नहीं है, लेकिन कई बार ऐसा होता है जब एक बहिष्कार प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है। इस समय, मेरे लिए राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार पर टिप्पणी करना मुश्किल है, क्योंकि यह एक राजनीतिक मुद्दा है। इस पर अंतिम फैसला हम करेंगे।

उन्होंने कहा, “जब इस मामले को आईओए ने मेरे सामने रखा, तो उनका विचार था कि हमें खेलों का बहिष्कार करना चाहिए। मैंने कोशिश एवं हस्तक्षेप करने के लिए कुछ समय मांगा और इंग्लैंड के खेल सचिव को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर विचार करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, “खेलों की कार्यकारी परिषद में जब निशानेबाजी को हटाने का निर्णय लिया गया, तब वहां कोई भी भारतीय प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था इसलिए हमारे विचार को महत्वपूर्ण नहीं माना गया। इसलिए अगर इसका बहिष्कार करना है तो इस पर सरकार निर्णय लेगी। हम सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेंगे, लेकिन हम आईओए की भावना के साथ खड़े हैं।” खेल मंत्री ने इसके अलावा शुक्रवार को यहां भारतीय खेल प्राधिकरण परिसर में नए कृत्रिम फुटबॉल मैदान का उद्घाटन किया।

उल्लेखनीय है कि रिजिजू ने खेल प्राधिकरण परिसर में दो घंटे बिताए। उन्होंने सुविधाओं का निरीक्षण किया, एथलीटों के साथ बातचीत की, और यहां तक कि रेंज में शूटिंग में भी हाथ आजमाया। उन्होंने बाद में ट्विटर पर पोस्ट किया, “भारत के किसी भी शीर्ष निशानेबाज से पूछें और वे आपको बताएंगे कि 10.8 और 10.5 को शूट करना आसान नहीं है। मैं बेंगलुरु में शूटिंग रेंज की सुविधाओं से खुश हूं लेकिन कुछ सुधार की आवश्यकता है।”

 


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