सीएसआर को लेकर वेबीनार आईआईएम बोधगया का
गया,28 फरवरी (हि.स.)।आईआईएम, बोधगया तीसरे दौर के आईआईएम में पहला ऐसा आईआईएम हैं। जिसने सीएसआर समिट का आयोजन किया है।इस कार्यक्रम के अंतर्गत दो मुद्दे “कोविड 19 के दौरान सीएसआर” एवम् “सामाजिक उद्यमिता” पर कॉर्पोरेट जगत से आए अतिथियों ने चर्चा की। क्या
क्या है सीएसआर?
कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी का सीधा मतलब कंपनियों को उनकी सामाजिक जिम्मेदारी के बारे में बताना है।भारत में कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) के नियम अप्रैल 1, 2014 से लागू हैं। इसके अनुसार, जिन कम्पनियों की सालाना नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये या सालाना आय 1000 करोड़ की या सालाना लाभ 5 करोड़ का हो तो उनको सीएसआर पर खर्च करना जरूरी होता है।यह खर्च तीन साल के औसत लाभ का कम से कम दो प्रतिशत होना चाहिए।
छात्रोंं को ऐसे आयोजन से क्या लाभ मिलेगा?
आईआईएम में हो रहे ऐसे आयोजन छात्रों की समाज के प्रति जिम्मेदारी एवं जागरूकता को बढ़ाने में कारगर साबित होंगे। छात्रों को समाजिक उद्यमिता में कार्यरत मैनेजर की बात सुनकर समाज के लिए कुछ करने का नई दिशा एवं सोचने का नया नजरिया मिलेगा।
कार्यक्रमम में कौन-कौन अतिथि मौजूद थे?
कार्यक्रम में बतौर अतिथि फोर्ब्स के 30 सामाजिक उद्यमी में शुमार शरद सागर, फाउंडर एंड सीईओ, द डेस्टरिटी ग्लोबल ग्रुप, विनोद कुलकर्णी ,सीएसआर हेड ,टाटा मोटर्स, किशोर कुमार थंगवेलू सीएसआर मैनेजर ,माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, कविता नटराजन, सीनियर सीएसआर, सीजीआई, जरनैन फातिमा, सीएसआर मैनेजर, वेदांता, निवेश राज, को-फाउंडर, द लीडरशिप 30, अच्युता राव, ग्रुप हेड, सीएसआर, एसवीआर ग्रुप, हर्षल ढोके, असिस्टेंट विपी, एसबीआई शुमार हुए।
कार्यक्रम का आगाज कल्पवृक्ष कार्यक्रम की शुरुआत आईआईएम की निर्देशिका डॉ विनीता सहाय ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए छात्रों को ऐसे कार्यक्रम का आयोजन कराने के लिए शुभकामनाएं दी।
चर्चा एवम् विमर्श का दौर 2 सत्रों में चला जिसमें पहले सत्र के दौरान टाटा मोटर्स के सीएसआर हेड विनोद कुलकर्णी ने बताया की कंपनियां सिर्फ और सिर्फ समुदाय से ही है और टाटा ग्रुप ने लगातार 6 साल तक नुकसान में होने के बावजूद सीएसआर करते रहे। माइक्रोसॉफ्ट के सीएसआर मैनेजर किशोर कुमार ने बताया कि कैसे भारत ने माइक्रोसॉफ्ट एनजीओ को मुफ्त में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ना सिर्फ ऑफिस 365 मुफ्त में मुहैया करा रहा है बल्कि उनको प्रशिक्षण भी दे रहा है ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें।
वेदांता ग्रुप से फातिमा ने बताया की नंद घर एक पहल के तहत आंगनबाड़ी में कार्यरत महिलाओं को वेदांता ग्रुप साफ सफाई रखने, पानी का इस्तेमाल एवं अन्य चीजों में मदद करके उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्यरत है। कार्यक्रम के अंत में प्रगति क्लब के हेड प्रोफेसर सौम्यज्योति बनर्जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रगति क्लब को भविष्य में ऐसे आयोजन करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।