लखनऊ/नई दिल्ली, 14 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने रविवार को अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला-2021 में उत्तर प्रदेश मण्डप का उद्घाटन किया। यह मेला देश की राजधानी नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित हो रहा है।
इस मौके पर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश एमएसएमई इकाईयों की स्थापना की दृष्टि से देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में कुल 89.99 लाख इकाईयां पंजीकृत हैं, जो देश की कुल पंजीकृत इकाईयों का 14.20 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में निवेशपरक वातावरण सृजित किया गया है, जहां निवेशकों को सयमबद्ध स्वीकृतियां व लाइसेन्स ऑनलाइन रूप से समयबद्ध तरीके से ‘‘निवेश मित्र’’ व्यवस्था के अन्तर्गत उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस कड़ी में एमएसएमई अधिनियम-2020 के माध्यम से निवेशकों को 72 घन्टे के अन्दर अभिस्वीकृति प्रमाण-पत्र निर्गत करते हुए 1000 दिनों तक किसी भी विभाग के निरीक्षण से मुक्त रखा गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा एमएसएमई क्षेत्र में अधिकाधिक ऋण-प्रवाह सुनिश्चित करने हेतु निरन्तर बैंकों के माध्यम से ऑनलाइन ऋण मेलों का आयोजन कराया गया है। उन्होंने बताया कि जहां वर्ष 2016-17 में केवल रुपये 28,136.00 करोड़ का ऋण एमएसएमई को वितरित किया गया था, वहीं वर्ष 2020-21 में रुपये 73,765.00 करोड़ का ऋण वितरित किया गया, जो पिछले साढ़े चार वर्षों में 2.5 गुना से अधिक वृद्धि दर्शाता है।
1.50 करोड़ से अधिक लोगों को मिले रोजगार के अवसर
श्री तिवारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 34,80,596 नयी एमएसएमई इकाईयों को ऋण वितरित कराकर लगभग 63 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है। इस प्रकार पिछले साढ़े चार वर्षों में लगभग 80 लाख एमएसएमई इकाईयों को ऋण उपलब्ध कराते हुए 1.50 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं।
उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में प्रदेश से निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जहां वर्ष 2017-18 में प्रदेश से रुपये 88,967.42 करोड़ का निर्यात हुआ वहीं वर्ष 2019-20 में रुपये 1,20,356.34 करोड़ (35 प्रतिशत वृद्धि) का निर्यात हुआ एवं वर्ष 2020-21 में रुपये 1,21,139.96 करोड़ का निर्यात किया गया।
यूपी ने शुरु किया ओडीओपी का अभिनव प्रयोग
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जनवरी, 2018 में उप्र दिवस के अवसर पर एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) का अभिनव प्रयास प्रारम्भ किया गया। सम्पूर्ण भारतवर्ष में यह पायनियर प्रयास है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों के चिन्हित उत्पादों के सर्वोन्मुखी विकास के कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पारम्परिक कामगारों यथा दर्जी, नाई, टोकरी बुनकर, राजमिस्त्री, हलवाई, लोहार, सुनार इत्यादि हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना सरकार द्वारा लागू की गयी है। जिसके माध्यम से इनका स्किल रिफाइनमेन्ट कराया जा रहा है, तथा उन्नत टूलकिट उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों से प्रदेश के निवेश वातावरण में उल्लेखनीय सुधार हुआ है एवं प्रदेश आज ‘‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’’ रैकिंग में दूसरे स्थान पर है। भारत अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला-2021 की थीम इस वर्ष ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ पर आधारित है। इस हेतु मेले में उत्तर प्रदेश को हॉल नम्बर-02 में 02 हजार वर्ग मीटर स्थान आवंटित है।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, सीईओ ग्रेटर नोएडा नरेन्द्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी श्रीमती रितु महेश्वरी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी भी उपस्थित थे।