गाजियाबाद, 28 जून (हि.स.)। मोदीनगर में 900 करोड़ की सम्पत्ति का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे अधिकारियों की भी नींद उड़ गई है। इतना ही नहीं इस मामले में कई अधिकारियों पर गाज भी गिर सकती है क्योंकि यह मामला किसी आम सम्पत्ति का नहीं बल्कि विभाजन के समय भारत छोड़कर पाकिस्तान के लाहौर जा चुके शख्स की शत्रु सम्पत्ति का है। यह शत्रु सम्पत्ति उस पाक नागरिक के नाम दर्ज करने पर शासन से तहसीलदार राज बहादुर सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
मामला मोदीनगर के सीकरी इलाके का है, जहां एक पाकिस्तानी शख्स की 500 एकड़ जमीन है। इसकी कीमत करीब 900 करोड़ बताई जा रही है। पिछले वर्ष जिलाधिकारी को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें कहा गया था कि सिकरी में रोड किनारे कई सौ करोड़ रुपये की जमीन पर स्थानीय लोगों ने कब्जा किया हुआ है। यह जमीन विभाजन के वक्त पाकिस्तान जा चुके एक व्यक्ति के नाम पर थी। नियमानुसार इस पर सरकार का अधिकार होना चाहिए। इस शिकायत पर जिलाधिकारी ने अगस्त 2018 में तत्कालीन एसडीएम से मामले की जांच कराई, जिसमें यह सामने आया कि आजादी से पहले यह सम्पत्ति एक मुस्लिम के नाम पर दर्ज थी। इसके बाद तहसीलदार राज बहादुर सिंह ने जनवरी 2019 में इस जमीन को उसी व्यक्ति के नाम पर दर्ज कर दिया, जो पाकिस्तान जा चुका था। इसके बाद जिलाधिकारी ने मामले में घालमेल देखते हुए दो एडीएम की एक कमेटी गठित की, जिसने पूरे मामले की विस्तृत जांच की तो यह सम्पत्ति भारत छोड़कर जा चुका शख्स के नाम पर दर्ज पाई गई, जबकि यह शत्रु सम्पत्ति है, जिस पर अब सिर्फ सरकार का अधिकार है। इस जांच में तहसीलदार की भूमिका को भी संदिग्ध माना गया है।
जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि जांच में करीब 900 करोड़ की शत्रु सम्पत्ति का पता चला है। इसको सरकार के खाते में निहित करने के लिए मुंबई स्थित कस्टोडियन को पत्र लिखा गया है। मोदीनगर तहसीलदार राज बहादुर सिंह पर लगातार गुमराह करने की कोशिश करने के लिए उनके खिलाफ भी शासन से विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है।