कोरोना वायरस से तेल की कीमतों में गिरावट

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लॉस एंजेल्स, 25 फरवरी (हि.स.)। दक्षिण कोरिया और इटली में कोरोना वायरस कोविड-19 का संक्रमण फैलने से  स्टाक मार्केट और कच्चे तेल की क़ीमतों में भारी गिरावट से निवेशकों में ख़ासा बेचैनी  है। अमेरिका में सोमवार को जैसे ही बाज़ार खुले, स्टाक मार्केट में तीनों इंडेक्स में नरमी देखी गई, वहीं अमेरिका सहित ओपेक देशों में कच्चे तेल की क़ीमतों में एकसाथ भारी कमी पाई गई। डाव जोंस इंडेस्टरियल एवरेज 3.6 फीसदी (1031.6 )  गिर गया तो अन्य इंडेक्स का भी कमोबेश यही हाल रहा। एस एंड पी 500 के लिए सोमवार का दिन पिछले दो सालों में सब से निकृष्ट रहा।

कोरोना वारस का फ़रमा मार्केट पर भी बुरा असर पड़ा है। एस एंड पी पिछले बुद्धवार को अच्छी स्थित में था, लेकिन इसके अगले दिन से इस  इंडेक्स में नरमी आती गई। इनमें अल्फ़ाबेत और अमेजन को सब से ज़्यादा क्षति हुई है। मार्केट में 30 ख़राब डालर के मूल्य के माल पर क़रीब एक ख़राब की क्षति हुई है।
डाव जोंस के इतिहास में एक हज़ार अंकों से यह तीसरी बड़ी गिरावट है। सार्स और जाइका वायरस (13फीसदी ) से भी इतनी  बड़ी क्षति कभी नहीं हुई। मध्य पूर्व में बार्ड फल्यू अथवा इबोला से से भी क़रीब 6 से 7 फीसदी की क्षति का अनुमान लगाया गया था। यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस कब ख़त्म होगा, इसके बारे में भी कोई अनुमान नहीं है।
चीन में मैंयुफेक्चरिंग उद्योग क़रीब-क़रीब डूब गया है।कहा जा रहा है कि निवेशकों ने चीन में मैंयुफेक्चरिंग में अपार सम्पति का निवेश किया था, जो उन्हें फ़िलहाल डूबता नज़र आ रहा है। शंघाई स्थित अमेरिकी चेम्बरस एंड कामर्स का कहना है कि चीन में उसकी पांच में से चार कम्पनियों में स्टाफ़ भाग गया है। ये कंपनियां आटो पार्ट्स, सेल फ़ोन और यहां तक कि चीन में दवा निर्माताओं को कामगारों  की कमी से अपने संस्थान बंद करने पड़ रहे हैं।

 


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