सीआरपीएफ जवान करें देश की सुरक्षा, उनके परिवार की चिंता और सुरक्षा हम करेंगेः अमित शाह

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हर जवान को ऐसा हेल्थ कार्ड देने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय एम्स के साथ मिलकर इस योजना पर काम कर रहा है ।



नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साहस और शौर्य की सराहना करते हुए कहा कि वे देश की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं और उनके परिवार की चिंता और सुरक्षा सरकार करेगी।

अमित शाह  ने रविवार को यहां सीआरपीएफ मुख्यालय के शिलान्यास के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सशस्त्र बलों के जवानों के लिए एक सूत्र अपनाया है कि आप देश की सुरक्षा कीजिए, आपके परिवार की चिंता और सुरक्षा हम करेंगे। हमने तय किया है जवानों के साथ-साथ उनके मां-बाप, पत्नी और बच्चों को भी स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा दी जाए। हर जवान को ऐसा हेल्थ कार्ड देने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय एम्स के साथ मिलकर इस योजना पर काम कर रहा है ।

उन्होंने कहा कि गृहमंत्री बनने के बाद वह सीआरपीएफ  और उसके कामकाज को करीब से देख रहे हैं। सीआरपीएफ दुनिया का सबसे बड़ा सशस्त्र बल तो है ही, साथ ही दुनिया का सबसे बहादुर सशस्त्र बल भी है। इसके इतिहास को खंगाले तो इसकी कई गाथाएं बताई जा सकती हैं।ढेर सारे अभियानों और ढेर सारी मुहिमों में सीआरपीएफ के 2184 जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान मां भारती की सुरक्षा और सम्मान के लिए दिया है । उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर 1959 को सीआरपीएफ के सिर्फ 10 जांबाजों ने ऑटोमेटिक हथियारों से लैस चीन की टुकड़ी का सामना किया और अपनी आहुति दी। इसलिए 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है । देश में 80 से 90 के दशक में अनेक प्रकार की विपदाएं आईं । चाहे त्रिपुरा हो या पंजाब, हमारे देश के लोगों को ही गुमराह करके पडोसी देश ने आतंकवाद को हमारे देश में फ़ैलाने का काम किया।

उन्होंने कहा कि आज यह कहने में तनिक भी हिचक नही है कि इन दोनों राज्यों से आतंकवाद का पूर्ण रूप से सफाया किया जा चुका है, इसमें सीआरपीएफ का बहुत अहम् योगदान रहा है।शाह ने कहा कि रक्त को जमा देनी वाली ठंड में, अनिश्चितताओं के बीच जब हमारे जवान आतंकवाद का सामना कर रहे होते थे तो उन्हें कोई पदक का लालच या ड्यूटी की मजबूरी ऐसा करने के लिए विवश नहीं करती। सिर्फ भारत माता के प्रति प्रेम और समर्पण का भाव उन्हें इसके लिए प्रेरित करता है।

उन्होंने कहा कि देश में किसी भी प्रकार के दंगे हुए हो तो उन्हें भी सीआरपीएफ नियंत्रित करती है।नक्सल प्रभावित क्षेत्र हो, जहां आदिवासी तबके को विकास से महरूम रख कर सरकार के खिलाफ उन्हें गुमराह करने का प्रयास चल रहा है तो वहां भी सीआरपीएफ ही उनका सामना करती है। उन्होंने कहा कि सभी सुविधाओं से लैस मुख्यालय जब सीआरपीएफ को मिलेगा तो जवानों की  क्षमता, आपकी सुसज्जता और आपकी सतर्कता, तीनों में ढेर सारी बढ़ोतरी होगी जो और भी बेहतर सेवा करने में मददगार साबित होगी।

 


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