करोड़ों साल पुराना जीवाश्म मिला ग्रीनलैंड के सीक्रेट गड्ढे से
वॉशिंगटन 17 मार्च (हि.स.)। ग्रीनलैंड के एक सीक्रेट गड्डे से करोड़ों साल पुराने जीवाश्म मिले हैं, बर्फ के नीचे दबे इन जीवाश्म को देखकर लगता है कि ये वनस्पतियां एकदम ताजी हैं जबकि ये हजारों साल पुरानी है। ग्रीनलैंड में बर्फ से दबा यह गड्डा करीब 55 साल पहले परमाणु बम छिपाने के लिए खोदा गया था।
ग्रीनलैंड में करीब एक मील गहरे गड्ढे से वैज्ञानिकों को जीवाश्म में बदल चुके पौधे, टहनी और पत्तियां मिली हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस खोज से यह पता चला है कि करोड़ों साल पहले यह इलाका बिना बर्फ का था।
यूनिवर्सिटी ऑफ वेरमोंट के वैज्ञानिकों ने इस खोज को ‘चौंका’ देने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि करोड़ों साल से ग्रीनलैंड की बर्फ में दबे होने के बाद भी कुछ वनस्पतियां ऐसे लग रहे हैं जैसे अभी कल के हैं। आइस कोर की यह खुदाई वर्ष 1966 में अमेरिकी सेना ने गुप्त रूप से कराया था। इस पूरी प्रॉजेक्ट को ‘प्रॉजेक्ट आइसवर्म’ नाम दिया गया था। इस खुदाई का मकसद सोवियत संघ की चोरी से यहां पर सैकड़ों परमाणु बम को छिपाना था। हालांकि अमेरिकी सेना की यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी।
आइस कोर को डेनमार्क में एक फ्रीजर में डालकर उसे सब भूल गए। वर्ष 2017 में इस नमूने की फिर से खोज हो गई। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक मील नीचे के इन नमूनों से टहनियों और पत्तियों के मिलने से यह पता चलता है कि धरती के इस उत्तरी इलाके में कभी जंगल थे। साथ ही इससे यह भी पता चला है कि आइस शीट जलवायु परिवर्तन के प्रति पहले की सोच से भी ज्यादा नाजुक है।