मरकज मामले में क्राइम ब्रांच को पीएफआई से फंडिंग का शक
नई दिल्ली, 07 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन स्थित मरकज से फैले कोरोना के मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच अब इसकी फंडिंग को लेकर जांच कर रही है। क्राइम ब्रांच को शक है कि मरकज को पीएफआई की फंडिंग हो रही थी। इसे लेकर क्राइम ब्रांच अब जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो शुरुआती जांच के दौरान मरकज से जुड़े बैंक खातों को क्राइम ब्रांच खंगाल रही है ताकि यह पता चल सके कि आखिरकार मरकज को फंड कहां से मिल रहा था।
जानकारी के अनुसार निजामुद्दीन स्थित मरकज से दिल्ली सरकार और पुलिस द्वारा कुल 2361 लोग निकाले गए थे। इनमें से 300 से ज्यादा की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ चुकी है।
मरकज की हो चुकी है जांच
मरकज से बड़ी संख्या में जमाती दिल्ली के विभिन्न मस्जिदों में चले गए थे। उनमें से भी काफी लोगों को पुलिस तलाशकर क्वारेंटाइन में भेज चुकी है। इस पूरे प्रकरण को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की है। खुद क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी एफएसएल के साथ जाकर मरकज की जांच कर चुके हैं।
पीएफआई से लिंक को लेकर होगी जांच
राजधानी दिल्ली में बीते फरवरी माह में हुए दंगे और शाहीन बाग में लंबे समय तक चले प्रदर्शन में पीएफआई पर फंडिंग के आरोप लगे थे। इन मामलों को लेकर स्पेशल सेल ने पीएफआई के कई पदाधिकारियों को भी गिरफ्तार किया था। इसलिए अब मरकज मामले में भी पीएफआई से फंडिंग का शक क्राइम ब्रांच को है। इसी को ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच की टीम मरकज से जुड़े बैंक खातों की जांच कर रही है। जिससे ये पता किया जाएगा कि मरकज को कहां से आर्थिक सहायता मिल रही थी और वो कौन से लोग या संस्थाएं हैं जो उन्हें मदद दे रहे हैं।
मौलाना साद ने अब तक नहीं भेजा जवाब
क्राइम ब्रांच की तरफ से इस मामले में मौलाना साद सहित सात आरोपितों को नोटिस भेजकर उनसे लिखित जवाब मांगा था। क्राइम ब्रांच ने सोमवार को दूसरा नोटिस मौलाना साद को भेजा लेकिन अभी तक किसी भी आरोपित ने क्राइम ब्रांच को जवाब नहीं दिया है। वहीं मौलाना साद के वकील ने जवाब देने के लिए समय मांगा था, जिसे क्राइम ब्रांच ने मना किया थाा। उन्होंने सोमवार को दोबारा नोटिस भेजकर मौलाना साद से लिखित जवाब मांगा।