कोविड संकट:जुटा सिख समाज मानवता को जिन्दा रखने के प्रयास में ‘खामोशी’ से

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गुरुद्वारों ने सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना उपलब्ध कराने के लिए खोले अपने दरवाजे, कोविड-19 केयर सेंटर, ऑक्सीजन लंगर, छोटे-छोटे ऑक्सीजन पार्लर का भी कर रहे बंदोबस्त



नई दिल्ली, 04 मई (हि.स.)। देश में बढ़ रही कोविड-19 महामारी के समय धार्मिक और सामाजिक संगठन भी बढ़-चढ़कर देशवासियों को बचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मानवता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले सिख समाज की तरफ से राजधानी दिल्ली में कोविड-19 केयर सेंटर, ऑक्सीजन लंगर, गुरुद्वारों में बनाए गए छोटे-छोटे ऑक्सीजन पार्लर के साथ-साथ लॉकडाउन में लोगों को भूख से बचाने के लिए दिन रात सेवा की जा रही है।
लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी का शिकार होने वाले दिहाड़ी मजदूरों, रेहड़ी पटरी वालों, रिक्शा ठेला चलाने वालों और बेघर बार लोगों को तीनों समय का भोजन गुरुद्वारों की तरफ से बिना किसी प्रचार के खामोशी से उपलब्ध कराया जा रहा है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से गुरुद्वारा रकाबगंज में अस्थाई तौर पर सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 250 बेड का कोविड केयर सेंटर स्थापित किया गया है। यहां पर सभी बेड को ऑक्सीजन से लैस किया गया है। इस अस्थाई सेंटर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज किया जा रहा है।
इसी तरह का 100 बिस्तरों का एक सेंटर ग्रेटर कैलाश गुरुद्वारे में स्थापित किया गया है जहां पर कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है। इस सेंटर में भी सभी बेड को ऑक्सीजन से जोड़ा गया है। इसके साथ ही सभी छोटे-बड़े गुरुद्वारों में भी ऑक्सीजन लंगर और ऑक्सीजन पार्लर की व्यवस्था की गई है। यहां से जरूरतमंदों को मुफ्त में ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा शीशगंज में भी ऑक्सीजन लंगर का आयोजन किया गया है। यहां से दिन भर जरूरतमंदों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है। दिल्ली में पिछले दिनों ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए गुरुद्वारों ने यह कदम उठाया था जो अभी भी जारी है। गुरुद्वारा बंगला साहिब में एक आधुनिक टैस्टिंग लैब, एमआरआई और डायलेसेस सेंटर का उद्घाटन इसी वर्ष किया गया है। इस सेंटर से बहुत ही किफायती कीमत पर महामारी के दौर में लोगों की सेवा की जा रही है।
गुरुद्वारों में गरीबों, जरूरतमंदों के लिए लंगर की सुविधा पहले से ही स्थापित है लेकिन दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार होने वाले मजदूरों, रिक्शा ठेला चलाने वालों और रेहड़ी पटरी लगाकर अपनी जीविका चलाने वालों के लिए दो वक्त का खाना खाना बुशकिल हो गया है। ऐसी स्थिति में गुरुद्वारों ने अपने लंगर का विस्तार कर दिया है और सभी के लिए अपने लंगर के दरवाजे खोल दिए हैं। बड़ी तादाद में गुरुद्वारों में जा कर लोग सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना खा रहे हैं जबकि दिल्ली सरकार की तरफ से भी इस लाकडाउन में ऐसे लोगों के लिए कोई इंतेज़ाम नहीं किया है। इन्हें बेहाल छोड़ दिया गया है।

 


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