पटना, 27 जुलाई (हि.स.) । बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सोमवार को पटना एम्स सहित राजधानी के पांच प्रमुख अस्पतालों को नोटिस जारी किया है। इन पर कोविड कचरे और मेडिकल अपशिष्ट को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप है। यह लापरवाही बीते दिनों पर्षद द्वारा किए गए निरीक्षण में सामने आई थी। अस्पतालों को कमियां सुधारने को 15 दिन की मोहलत दी गई है। तय समय में सुधार न हुआ तो क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
मेडिकल वेस्ट लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। यही कारण है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 में मेडिकल वेस्ट को सामान्य कचरे से अलग करके निस्तारित करने के विशेष प्रावधान किए गए हैं। वहीं, कोविड-19 आपदा को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अलग से गाइडलाइन जारी की है। अस्पतालों, टेस्ट लैब, क्वारंटाइन केंद्रों आदि से निकलने वाले कोविड कचरे को बाकी मेडिकल वेस्ट से भी अलग पीली थैली में रखने का प्रावधान है। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के बार-बार लिखने के बावजूद अस्पताल इसे लेकर संजीदा नहीं हैं।
राजधानी पटना के प्रमुख अस्पताल ही इस मामले में खासी लापरवाही बरत रहे हैं। पर्षद ने गत 16 व 17 जुलाई को एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस और आईजीआईसी का निरीक्षण किया था। कोविड कचरा कहीं भी नियमानुसार रखने और निस्तारित करने की व्यवस्था नहीं मिली।
सामान्य कचरे संग मिला रहे मेडिकल वेस्ट
मेडिकल वेस्ट भी अस्पताल में जहां-तहां पसरे थे। कई जगह उसे सामान्य कचरे के साथ ही रखा गया था। आईजीआईएमएस में तो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट भी बंद मिले थे। पीएमसीएच में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग सहित अन्य जगह कचरा बिखरा मिला था। एम्स में कोविड कचरा गाइडलाइन के हिसाब से अलग नहीं किया जा रहा था। आईजीआईसी और एनएमसीएच में भी मेडिकल वेस्ट को ठीक से अलग नहीं किया जा रहा था।