कोरोना: आईआईटी के बाद एनआईटी में प्रवेश के लिए 12वी में 75 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता खत्म : निशंक

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नई दिल्ली, 23 जुलाई (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के दाखिले में 12वीं कक्षा के अंकों की अनिवार्यता हटाने के बाद केंद्र ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) और सभी केंद्रीय वित्तपोषित तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) में भी इसे लागू करने का फैसला किया है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, जेईई-मेन्स क्लीयर करने वाले उम्मीदवारों को इस साल राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान (एनआईटी) में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थितियों के कारण केंद्रीय सीट आवंटन बोर्ड (सीएसएबी) ने एनआईटी और अन्य सीएफटीआई को प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड में ढील देने का फैसला किया है। निशंक ने कहा, जेईई मेन 2020 क्वालीफाई करने वाले उम्मीदवारों को अब केवल 12वीं कक्षा की परीक्षा में उत्तीर्ण होना ही काफी होगा।
उल्लेखनीय है कि कोरोना की वजह से सीबीएसई सहित कई बोर्ड ने परीक्षाएं रद्द कर दी थीं। इसलिए एनआईटी दाखिले में भी 12वीं के अंकों की अनिवार्यता को हटा दिया गया है। निशंक ने इससे पहले 17 जुलाई को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में इस वर्ष प्रवेश मानदंड में ढील देने की घोषणा की थी। जबकि साधारणतय पात्रता में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत अंक होने चाहिए या शीर्ष 20 पर्सेंटाइल में नाम होना भी अनिवार्य होता है।

 


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