नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामल में यासीन मलिक समेत पांच अलगाववादियों के खिलाफ एनआईए की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। पिछले चार अक्टूबर को एनआईए ने पांचों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी।
कोर्ट ने पांचों की न्यायिक हिरासत सात नवंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया। कोर्ट ने एनआईए को निर्देश दिया की चार्जशीट की कॉपी पांचों आरोपितों को सात नवंबर तक उपलब्ध कराएं। चार्जशीट में गिरफ्तार अलगाववादी नेता यासीन मलिक, आसिया अंद्राबी, मशरत आलम, इंजीनियर राशिद और शब्बीर अहमद शाह को आरोपित बनाया गया है।
तीन हजार पेजों के चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा-120बी, 121, 121ए, और 124ए के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून की धारा-13, 16, 17,18, 20, 38, 39 और 40 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इस मामले में एनआईए ने 30 मई,2017 को केस दर्ज किया था। एनआईए ने इस मामल में 18 जनवरी,2018 को 12 आरोपितों के खिलाफ पहला चार्जशीट दाखिल किया गया था। उसमें पाकिस्तानी आतंकी हाफिज मोहम्मद सईद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन शामिल थे। उसके बाद 22 जनवरी,2018 को एक अभियुक्त के खिलाफ पहला पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया।
आगे की जांच के बाद एनआईए ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। एनआईए ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया उनमें यासीन मलिक, आसिया अंद्राबी, मशरत आलम, इंजीनियर राशिद और शब्बीर अहमद शाह शामिल हैं। इन पर लोगों को प्रदर्शन करने के लिए उकसाने, पत्थरबाजी और आतंकी हमलों के लिए टेरर फंडिंग में एक-दूसरे की मदद करने और प्रशासन के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप है।
पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने यासीन मलिक को एनआईए हिरासत में भेज दिया था। एनआईए ने यासीन मलिक को गिरफ्तार करने के स्पेशल जज राकेश स्याल की कोर्ट में पेश किया था। यासीन मलिक को प्रोडक्शन वारंट पर दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था। एनआईए ने जम्मू के स्पेशल कोर्ट से यासीन मलिक की हिरासत की मांग की थी। एनआईए ने कोर्ट से कहा कि वो आतंकी गतिविधियों को फंडिंग करने वाले लोगों की कड़ी जानना चाहती है। एनआईए ने कहा था कि वो सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी करने और स्कूलों को जलाने से लेकर सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने वालों की आर्थिक मदद करने वालों तक पहुंचना चाहती है।
यासीन मलिक के खिलाफ 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण में शामिल होने का आरोप है। यासीन मलिक के खिलाफ 1990 के दशक में भारतीय वायु सेना के चार जवानों की हत्या करने का भी आरोप है। यासीन मलिक के संगठऩ जेकेएलएफ को पिछले साल फरवरी में केंद्र सरकार ने बैन कर दिया था।