नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि इस मामले में 14 आरोपित हैं, जिसमें 7 लोकसेवक और 4 कंपनियां शामिल हैं। आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-120बी, 420, 468, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा-9 और 13 के तहत आरोप लगाए गए हैं। सीबीआई ने कहा कि कुछ अभियुक्त जमानत पर हैं और कुछ को गिरफ्तार किया जाना बाकी है।
सुनवाई के दौरान स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने कहा कि इसमें 420 का केस कैसे बनता है। तब सीबीआई ने कहा कि लोकसेवक ने आईएनएक्स मीडिया के पक्ष में फाइल की नोटिंग में बदलाव किया। आईएनएक्स मीडिया को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लघंन कर तय सीमा से ज्यादा एफडीआई की स्वीकृति दी गई।
सीबीआई ने 18 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल किया था। चार्जशीट में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम सहित 14 को आरोपित बनाया गया है। चार्जशीट में पीटर मुखर्जी, सीए भास्कर रमन, सिंधुश्री खुल्लर, अजीत कुमार डुंगडुंग, रविंद्र प्रसाद, प्रदीप कुमार बग्गा, प्रबोध सक्सेना और अनुपम कुमार पुजारी शामिल हैं। जिन कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, उनमें आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईएनएक्स न्यूज प्राइवेट लिमिटेड, चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और एडवांटेज स्ट्रेटेजी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। पिछले 17 अक्टूबर को कोर्ट ने चिदंबरम को सीबीआई के मामले में 24 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। कोर्ट ने 17 अक्टूबर को इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चिदंबरम को 24 अक्टूबर तक की ईडी हिरासत में भेजा था।
पिछले 30 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। जस्टिस सुरेश कैत ने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। उसके बाद 3 अक्टूबर को चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत की मांग की।
पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई,2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्तमंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई। इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।