रमेश बिधूड़ी और चार अन्य को संदेह के लाभ में कोर्ट ने किया बरी

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वर्ष 2004 के मारपीट के एक मामले में कोर्ट सुनाया फैसला



नई दिल्ली, 07 जून (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2004 के मारपीट के एक मामले में दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी को बरी कर दिया है। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने रमेश बिधूड़ी के अलावा चार अन्य आरोपितों को भी संदेह के लाभ में बरी करने का आदेश दिया।

मामला 26 फरवरी,2004 का है। शिकायतकर्ता रामशंकर ने शिकायत दर्ज कराई की तत्कालीन सांसद साहेब सिंह वर्मा के सांसद निधि से रतिया मार्ग, संगम विहार का सीमेंटीकरण करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। याचिकाकर्ता के मुताबिक वह सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते उस कार्यक्रम में मौजूद था। वहीं मौजूद रमेश बिधूड़ी ने रिवाल्वर निकालकर याचिकाकर्ता की कनपटी पर तान दी और उसे थप्पड़ मारा। रमेश बिधूड़ी ने रामशंकर को मौके से भागने को कहा। उसके बाद याचिकाकर्ता चिल्लाया, जिससे कुछ लोग जुट गए और रमेश बिधूड़ी को ऐसा नहीं करने को कहा। उसके बाद रमेश बिधूड़ी ने अपना पिस्तौल उसकी कनपटी से हटाया। इसके बाद रामशंकर ने 100 नंबर पर पुलिस को कॉल किया। पुलिस के आने पर भी रमेश बिधूड़ी उसके साथ दुर्व्यवहार करता रहा। 10 मिनट के बाद पीसीआर बिना कोई कार्रवाई किए वहां से चली गई। उसके बाद रमेश बिधूड़ी भी चले गए।

20 मिनट के बाद रमेश बिधूड़ी बाकी आरोपितों के साथ आए और आते ही रामशंकर के नाक पर  दे मारा। इससे वह गिर गया और उसके नाक से खून बहने लगा। बाकी आरोपित भी रामशंकर को लात-घूंसों से मारने लगे। रमेश बिधूड़ी ने पिस्तौल लहराते हुए बाकी आरोपितों से याचिकाकर्ता को मार डालने का आदेश दिया लेकिन इस बीच चार लोगों ने बीचबचाव किया, जिससे उसकी जान बच गई।

रमेश बिधूड़ी ने अपने बयान में कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। वह कार्यक्रम स्थल पर सांसद स्वर्गीय साहेब सिंह वर्मा के साथ सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचा था। इस मामले की सुनवाई के दौरान दस गवाहों की गवाही हुई। गवाही के दौरान कोर्ट ने रामशंकर और दूसरे गवाहों के बयानों में विरोधाभास पाया। इसके अलावा मारपीट के बाद अस्पताल से एमएलसी भी नहीं कराई गई थी, जिससे आरोप निर्दोष साबित होते हैं। इस मामले में रमेश बिधूड़ी के अलावा आजाद सिंह, महेश पंडित, सुरेश और प्रकाश हैं, जिनमें सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया।


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