देश का पहला ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड गाजियाबाद नगर निगम ने जारी किया
गाजियाबाद, 31 मार्च (हि.स.)। गाजियाबाद नगर निगम ने बुधवार को देश का पहला ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड जारी कर दिया है। नगर निगम ने बाॅन्ड्स के जरिए 150 करोड़ (बेस इशू 100 करोड़ रुपए व ग्रीन इशू ऑप्शन 50 करोड़ रुपए) रुपए का फंड जुटाया। 150 करोड़ रुपए के म्युनिसिपल बॉन्ड के सापेक्ष कुल 401 करोड़ की 40 आॅनलाइन बिड्स बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज के आनलाइन बिडिंग प्लेटफार्म पर प्राप्त हुई, इस प्रकार गाजियाबाद म्युनिसिपल बाॅन्ड चार गुना सब्सक्राइब हुआ।
गाजियाबाद के नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि बाॅन्ड्स का सब्सक्रिप्सन 8.10 के कूपन रेट पर हुआ, जो म्युनिसिपल बाॅन्ड के समकालीन इतिहास में सबसे कम दरों में से एक है। पहले एक मिनट में ही पूरा इशू सब्सक्राइब हो गया। यह गाजियाबाद म्युनिसिपल बाॅन्ड में निवेशकों का विश्वास तथा उत्तर प्रदेश सरकार के गुड गवर्नेंस की नीति में विश्वास दर्शित करता है। इस बॉन्ड से टर्सियरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) का निर्माण किया जाएगा। इस प्लांट से गंदे पानी का शोधन कर उस इंडस्ट्रियल वॉटर के लायक बनाकर उसका प्रयोग किया जाएगा।
नगर आयुक्त ने बताया कि साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया के लिए इस परियोजना को तैयार किया जा रहा है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 240 करोड़ रुपये की है, जिसकी पार्ट फंडिंग गाजियाबाद नगर निगम के ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड से की जाएगी। इस योजना के लिए गाजियाबाद नगर निगम एक फर्म से डीपीआर भी तैयार करा चुका है। योजना के लागू हो जाने से उद्योगों की ग्राउंडवाटर पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। इससे जल दोहन पर भी रोक लगेगी। नगर निगम को इस प्रोजेक्ट से आमदनी भी होगी। नगर निगम उद्योगों को पानी की आपूर्ति के बदले यूजर चार्ज लेगा। ये परियोजना लगभग 27 से 30 माह के अंदर तैयार हो जाएगी। ये प्लांट इंदिरापुरम गाजियाबाद में लगाया जाएगा।
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से साल 2019 में लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगम को बॉन्ड जारी करने की मंजूरी दी गई थी। इसके बाद सेबी से अधिकृत एजेंसी से क्रेडिट रेटिंग कराई गई। बिक्रवर्क एवं इण्डिया रेटिंग जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा एए रेटिंग दी गयी है। ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड की बिडिंग के दौरान वर्चुअल माध्यम से महापौर गाजियाबाद आशा शर्मा तथा गाजियाबाद बाॅन्ड कमेटी के सदस्यों के साथ-साथ केशव वर्मा, सलाहकार, नगर विकास विभाग एवं सुजाता कुमार, म्युनिसिपल बॉन्ड विशेषज्ञ शामिल रहे।