05 नवंबर इतिहास के पन्नों मे

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देशबंधु का जन्मः जीवनभर जो धारा के खिलाफ ही चले, पर उद्देश्य से कभी नहीं भटके। ऐसे थे देशबंधु चितरंजन दास। आइसीएस बनने इंगलैण्ड पहुंचे और बैरिस्टर बनकर लौटे। गांधी की अगुआई में कांग्रेस में शामिल हुए, पर वहां स्वराज दल के कर्ताधर्ता बने। असहयोग आंदोलन में गांधी जी के साथ रहे, पर चौरीचौरा कांड के बाद अपना विचार बदल दिया। प्रांतीय कौंसिल में प्रवेश का फैसला किया लेकिन बहुमत मिलने के बाद भी बंगाल में सरकार नहीं बनाई। अहिंसात्मक आंदोलन के समर्थक चितरंजन दास ने अलीपुर बम षडयंत्र केस में अरविंद घोष को छुड़ाने के लिए ऐतिहासिक मुकदमा लड़ा। यह मुकदमा 126 दिनों तक चला और स्वयं चितरंजन दास ने इस मामले में अपना अंतिम बयान नौ दिन तक रखा। मुकदमे के जज सीपी बीचक्रास्ट ने अपने फैसले में कहा कि आजादी के लिए लड़ना देशद्रोह नहीं है। इस तरह इस मुकदमे से स्वराज्य की राह निकली। ऐसे राष्ट्रीय नायक देशबंधु चितरंजन दास का जन्म पांच नवंबर को ही 1870 को हुआ था।

अन्य महत्वपूर्ण घटनाएंः

1937: गुप्त बैठक में जर्मन जनता के लिए ज्यादा जगह लेने की योजना का एडोल्फ हिटलर ने किया खुलासा।

1895: आटो मोबाइल के लिए जॉर्ज बी सेल्डम को अमेरिका का पहला पेटेंट हासिल।

2006: इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को फांसी की सजा का फैसला।

2007: चीन का पहला अंतरिक्ष यान चेंज 1 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा।

2013 : अंतरग्रहीय मिशन मंगलयान लॉन्च किया गया।


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