बीजिंग, 23 जनवरी (हि.स.)। चीन में कोरोना वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। इस पर अब एक नया खुलासा हुआ है। चीन के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि कोरोना वायरस का मुख्य स्रोत चाइनीज क्रैट और चाइनीज कोबरा सांप है।
वैज्ञानिक के अनुसार चीन में सांप खाने की परंपरा है। चीन के वुहान में ऐसे जीव-जंतुओं का बाजार है जहां सांप, चमगादड़, मैरमोट्स, पक्षी, खरगोश आदि बिकते हैं। इन जीवों को चीन के लोग खाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है चमगादड़ से फैलने वाला एसएआरएस का वायरस सांप के जरिए लोगों में फैला। उनका मानना है कि एसएआरएस वायरस सांप में गया तो वह कोरोना वायरस में तब्दील हो गया, लेकिन सांप के शरीर में बने नए कोरोना वायरस का कोई इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है।
कोरोना वायरस पर अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक वीजी ने खुलासा किया है कि चमगादड़ से सांप में आने के बाद वायरस ने अपने जीनोम में बदलाव कर लिया। इससे यह बेहद खतरनाक हो गया है। वी जी ने विभिन्न जीव-जंतुओं से कुल मिलाकर 217 वायरस के सैंपल लिए थे। इनमें से पांच सैंपल कोरोना वायरस के थे। जब सभी जीवों में मिलने वाले वायरस की तुलना इस नए वायरस से की गई तो पता चला कि यह वायरस सांपों में मिल रहे वायरस से मिलता है। वीजी की बात का समर्थन करते हुए पेंसिलवेनिया स्थित पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हाईताओ गुओ ने कहा है कि यह खुलासा बेहद हैरान करने वाला है।
उल्लेखनीय है कि चाइनीज क्रैट और चाइनीज क्रैट कहे जाने वाले यह सांप बहुत अधिक विषैले होते हैं और यह एलापिड सांप की एक प्रजाति है जोकि सेंट्रल और दक्षिण चीन में पाए जाते हैं। इस बीमारी का पहला मामला साल 2019 दिसम्बर में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। तभी से यह बीमारी अमेरिका समेत कई अन्य देशों तक फैल चुकी है। चूकि यह वायरस हवा और खाने के जरिए लोगों में फैलता है, इसलिए आगे अन्य देशों के लिए भी खतरा बन सकता है।