कोरोना वायरस से लाखों के रोज़गार छिनने की आशंकाएं
लॉस एंजेल्स, 21 मार्च (हि.स.)। कोरोना वायरस की मार से उद्योग धंधों में निराशा का माहौल है। इस कारण रोजगार की समस्या भी बढ़ रही है। पिछले सात मार्च से 14 मार्च तक एक सप्ताह में करीब दो लाख 81 हजार लोगों के रोजगार खत्म होने की आशंका जाहिर की गई है। हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
फॉक्स न्यूज़ में प्रकाशित ख़बर के अनुसार रेचल ग्रेसजलेर ने मत व्यक्त किया है कि पिछले एक सप्ताह में कितने लोगों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ा है अथवा लोग खुद काम छोड़कर घर में बैठे हैं, इस पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। उनका कहना है कि उद्यमियों के सम्मुख चुनौती यह आ रही है कि वह किसी स्टाफ को हटाते हैं तो उसे साठ दिनों का वेतन देना अनिवार्य है। इसी तरह नया स्टाफ रखने पर उसे जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण देने में खासा धन खर्च करना पड़ता है। इसमें भी अलग-अलग राज्यों के अलग अलग नियम हैं।
रेचल ग्रेसजलेर ने कहा है कि रोजगार से छुट्टी होने का अभिप्राय हेल्थ इंशोरेंस का खत्म होना है। ऐसी स्थिति आने पर नियोक्ता को इसकी जानकारी तत्काल श्रम विभाग को देना अनिवार्य होता है। अब जैसे ही एक व्यक्ति का रोजगार जाता है, वह चाहे तो उसी दिन से संघीय सोशल सुरक्षा के अंतर्गत केंद्रीय सरकार से विभिन्न भत्तों के लिए प्रार्थी बन जाता है। ट्रम्प प्रशासन ने इस आशंका को ध्यान में रखते हुए अप्रैल और मई महीनों में बारह सौ डॉलर प्रतिमाह दिए जाने की घोषणा की है।