एम्स पटना की बड़ी चूक, कोरोना से मौत के बाद शव परिजनों को सौंपा, दहशत ,
पटना, 22 मार्च (हि.स.)। बिहार में कोरोना ने दस्तक दे दी है। जानकारी के अनुसार अब तक तीन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इसमें एक की मौत भी हो गई है। इसके बाद पटना एम्स प्रशासन ने बड़ी चूक हो गई और कोरोना से मौत की रिपोर्ट देखे बगैर एम्स प्रशासन ने मरीज का शव परिजनों को सौंप दिया। इससे शासन और प्रशासन में दहशत हो गया। आनन-फानन में राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने तत्काल मुंगेर के जिलाधिकारी को इसकी सूचना दी और शव के संपर्क में आये परिजनों और ग्रामीणों को क्वॉरैंटाइन करने का निर्देश दिया गया। हालांकि अब सवाल ये उठ रहा है कि कतर से आने के बाद मोहम्मद सैफ अली की कोरोना की जांच हुई थी या नहीं। कतर से कोलकाता वहां से मुंगेर आने के दौरान और बाद में कितने लोगों के संपर्क में वह आया। क्या उन लोगों को खोजकर जांच की जायेगी। इन सवालों के उठने के बाद बिहार का स्वास्थ्य विभाग सकते में आ गया है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि 38 साल का मोहम्मद सैफ अली मुंगेर का रहने वाला था। वह कतर से आया था और 20 मार्च को ही एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) पटना में भर्ती हुआ था। सैफ डायबिटीज का मरीज था और उसकी किडनी भी खराब थी। पटना एम्स में उसे पहले जनरल, फिर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। शनिवार को उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि एक और कोरोना का मरीज राहुल एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) में भर्ती है। वह स्कॉटलैंड में कम्प्युटर इंजीनियरिंग का छात्र है। इस बीच मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पटना एम्स में भर्ती एक और महिला के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी।
पटना एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से संक्रमित सैफ अली की मौत शनिवार को दिन में ही हुई है, जबकि शनिवार देर रात उसके कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आई। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री थी। पटना एम्स के सुप्रीटेंडेंट डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि सैफ डायलिसिस पर था। हमने उसका सैंपल लिया और जांच के लिए पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट (आरएमआरआई) में भेज दिया। शनिवार रात में रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। एम्स में अभी कोरोना के 6 संदिग्ध मरीज भर्ती हैं उनके सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं।
मरीज से मिलने वालों की होगी जांचः प्रधान सचिव
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि दूसरा मरीज पटना का है। इनके परिवार का एक सदस्य इटली से आया था। हम दोनों मरीज के पिछले 15 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री की जांच कर रहे हैं। उन सभी लोगों का पता लगाया जा रहा है जो इस दौरान मरीज के संपर्क में आए थे। ऐसे लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जाएगा। इसके साथ ही मरीज के घर के तीन किलोमीटर के इलाके में घर-घर जाकर देखा जाएगा कि किसी को कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
आरएमआरआई निदेशक ने कहा, 114 सैंपल की जांच, तीन की रिपोर्ट पॉजिटिव
पटना के आरएमआरआई के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि शनिवार देर रात तक 114 नमूनों की जांच हुई। इनमें तीन केस कोरोना पॉजिटव मिले हैं। 100 सैंपल में कोरोना वायरस के संक्रमण नहीं मिले। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी दिल्ली में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और मुख्य सचिव को दी गई है।
गया में कोरोना के संदिग्ध की मौत
गया में बीटीएमसी (बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी) के ड्राइवर अर्जुन कुमार की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। बताया जाता है कि पांच दिन पहले उसमें कोरोना संक्रमण के लक्ष्ण पाए गए। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां कोरोना की जांच नहीं कराई गई। स्थिति बिगड़ने पर उसे शनिवार की रात 11.25 बजे अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हालांकि आधे घंटे बाद ही करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई। उसके सैंपल जांच के लिए भेजे गये हैं। रविवार को उसकी रिपोर्ट आ सकती है।
बिहार के अस्पतालों में सर्विलांस पर रखे गए 550 से अधिक लोग
बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित देशों से लौटे करीब 550 यात्रियों को विभिन्न अस्पतालों में सर्विलांस पर रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बिहार-नेपाल सीमा के 49 आवागमन केंद्रों पर भी अभी तक कुल 2,53,089 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। पटना और गया एयरपोर्टों पर भी 20,235 यात्रियों की जांच की गई है।