नई दिल्ली, 16 दिसम्बर (हि.स.)। स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए एनरोलमेंट की प्रक्रिया इस महीने के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। हालांकि क्लीनिकल ट्रायल के लिए लोगों की रुचि बेहद कम नजर आ रही है। एम्स प्रशासन को क्लीनिकल ट्रायल के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार क्लीनिकल ट्रायल के लिए पहुंचने वाले कई लोग वैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया सुनकर ही वापस लौट जा रहे हैं।जिसके कारण ट्रायल के लिए निर्धारित लोगों की संख्या पूरी नहीं हो पा रही है।
एम्स के सेंटर फार कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने बताया कि कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए कैंडिडेटे के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया इस महीने के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने माना कि ट्रायल को लेकर लोगों का उत्साह कम हुआ है। डॉ. राय ने कहा कि लोग मानने लगे हैं कि जब वैक्सीन कुछ ही दिनों में आ जाएगी तो वे ट्रायल में क्यों भाग लें। उन्होंने बताया कि किसी भी दवाई या वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसके प्रबंधन के लिए पूरे उपाय किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीन का ट्रायल करने से पहले भी लोगों को इसके संभावित खतरे के बारे में बताया जाता है। कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं होती। किसी किसी को इसके साइड इफेक्ट्स होते हैं, जिसमें बुखार, बदन दर्द या फिर चक्कर आने जैसी शिकायत हो सकती है। लेकिन इन सब साइड इफेक्ट्स के लिए प्रबंधन किए जाते हैं।