गिरमिटिया सुर में कोरोना
राज मोहन भोजपुरी भाषा के ऐसे योद्धा हैं जो सात समुन्दर पार के हो के भी लगातार भोजपुरी के लिए काम करते रहते हैं . हमेशा कुछ ना कुछ नया लेके आते रहते हैं. अभी राज मोहन अपने प्रोडक्शन से एक गाना लेके आये हैं जो कोरोना पे बना है. जो मनोरंजक होते हुए भी इस गंभीर बीमारी से बचे रहने और सुरक्षा का संदेश देता है . इस गाने को राज मोहन के शिष्य रागा मेन्नो ने गाया है और अभिनय किया है . रागा मेन्नो भी राजमोहन की तरह गिरमिटिया वंशज है. गिरमिटिया का मतलब उन मजदूरों से है जिन्हे अंग्रेज अपने शाषन काल में लोभ लालच देकर दूर द्वीपों पर लेके गए और जो फिर कभी घर वापस नहीं आ पाए. इनमें से ज्यादातर लोगों को कैरेबियन द्वीप के देशों जैसे सूरीनाम , ट्रिनिडाड ,गुयाना ,बारबोडस या फिर मारीशस ले जाया गया था. वो वापस कभी अपने वतन वापस नहीं आ पाए और वहीँ के होके रह गए . लेकिन उनके अंदर हिन्दुस्तान जिन्दा रहा . जब ये मजदुर किसान गए तो अपने साथ हिन्दुस्तान के गीत -संगीत , रीती रिवाज , परम्पराएं , किस्से और कहानियां भी ले गए थे . उन्ही में से एक सूरीनामी गिरमिटिया हैं राज मोहन जो अब हॉलैंड निवासी बन चुके हैं .जो सात समुन्दर पार रहके भी भारतीय संस्कृति और भोजपुरी के लिए बिना थके काम करते हैं . राज मोहन के गाने और म्यूजिक आने वाली हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में जल्दी सुनने को मिलेगा . इन फिल्मो में एक फिल्म पपीहरा है जिसमे राज मोहन का गीत और संगीत दोनों सुनने को मिलेगा .राज मोहन के प्रचलित गानों में सात समुन्दर पार करइके, दुइ मुट्ठी मजूरी , तोर शहर और हम ना मांगीले मशहूर है . जिन्हे बिभिन्न चैनलों पे देखा और सुना जा सकता है .