पीएम मोदी का संदेश, ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करें

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राष्ट्र के नाम संदेश में लोगों से बेतहाशा खरीद करने की प्रवृत्ति से बचने का आग्रह किया वित्तमंत्री के नेतृत्व में गठित किया गया कार्यदल का गठन किया गया



नई दिल्ली, 19 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से देश को बचाने के लिए देशवासियों से आग्रह किया कि वह 22 मार्च (रविवार) को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक 14 घंटे का ‘जनता कर्फ्यू’ लगायें। उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वह इस दिन शाम पांच बजे अपने घर पर रहते हुए कृतज्ञता स्वरूप अपने-अपने तरीके से आवश्य सुविधायें प्रदान करने में लगे लोगों का उत्साहवर्धन करें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर दिए अपने राष्ट्र के नाम संदेश में लोगों से बेतहाशा खरीद करने की प्रवृत्ति से बचने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि देश में खाने-पीने, दवाओं और अन्य आवश्यक सामग्री की कमी न हो। प्रधानमंत्री ने अमीर और साधन संपन्न लोगों से आग्रह किया कि वह अपने कार्यालय, दुकानों और घरों में कार्यरत लोगों के हितों का ध्यान रखें। अगर वह लोग काम पर नहीं आ पाते हैं तो उनका वेतन या पारिश्रमिक नहीं रोकें।

कोरोना के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस महामारी से देश की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए कोविड-19 टास्क फोर्स का किया जाएगा।यह कार्यबल निकट भविष्य में आर्थिक दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण कदम उठायेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों से अनुभव मिला है कि प्रकोप के शिकार देशों में कुछ दिन सामान्य स्थिति रहने के बाद एकदम से इस बीमारी से जुड़े मामलों में विस्फोटक वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना से जुड़ा संकट सामान्य नहीं है और कोरोना का अबतक कोई इलाज खोजा नहीं गया है।

उन्होंने कहा कि इन अनुभवों के माध्यम से वह लोगों से अपील करते हैं कि वे संकल्प लें कि सभी सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे और खुद के साथ अन्य लोगों के स्वास्थ्य की भी चिंता करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की इस घड़ी में संयम का पालन करते हुए लोग घर से बाहर न निकलें। अपने संदेश में उन्होंने 60 और 65 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी।

इसी क्रम में लोगों से प्रधानमंत्री ने ‘जनता कर्फ्यू’ अपनाने यानी जनता द्वारा जनता के लिए कर्फ्यू का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारत की तैयारियों का जायजा लेने के लिए 22 मार्च को सभी को सुबह 7 से रात 9 बजे तक घर में ही रहने की सलाह है। केवल आवश्यक सेवाओं को इससे अलग रखा गया है। उन्होंने कहा कि ‘जनता कर्फ्यू’ का अनुभव आगे भी देश के काम आयेगा।उन्होंने कहा कि 22 मार्च को शाम पांच बचे घर की खिड़की या बालकॉनी से निकलकर इन लोगों का धन्यवाद देते हुए ताली व अन्य वाध्य यंत्रों के माध्यम से पांच मिनट वादन कर धन्यवाद दें।

कोरोना महामारी के चलते स्वास्थ्य सुविधाओं पर दवाब न बने इसके लिए प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि अनावश्यक तौर पर अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधा केन्द्र में न जायें। उन्होंने कहा कि लोग अपने परिवारिक व अन्य किसी डॉक्टर से फोन पर ही सलाह लें। साथ ही अगर कोई सर्जरी या अन्य इलाज आगे के लिए टाला जा सकता है तो उसे टाल दें।

प्रधानमंत्री ने अपने आधे घंटे के राष्ट्र के नाम संदेश के अंत में कहा कि कोरोना एक वैश्विक संकट है जिससे निपटने में एक देश भी दूसरे देश की मदद नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम बचें, देश बचायें और जगत को भी बचायें।’

 


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