नई दिल्ली, 01 मई हि.स.)। देश में कोरोना से स्वस्थ्य होने का प्रतिशत बढ़ता जा रह है। मौजूदा समय में यह प्रतिशत बढ़कर 25.19 हो गया है। जबकि 14 दिन पहले स्वस्थ्य होने का प्रतिशत 13.06 था।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना संक्रमण से मरने वालों का प्रतिशत 3.2 प्रतिशत है। इनमें 65 प्रतिशत पुरुष हैं और 35 फीसदी महिलाएं हैं। गुरुवार को प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के मरने वाले 78 प्रतिशत लोगों में मुख्य तौर पर मरीज का उम्रदराज होने के साथ-साथ दूसरी गंभीर बीमारी का होना है। उन्होंने कहा कि कोरोना से मरने वाले लोगों में 45 वर्ष से कम उम्र के 14 प्रतिशत लोग हैं। वहीं, 45-50 की उम्र वाले 34 प्रतिशत हैं। 60 वर्ष के ऊपर वाले लोगों में यह दर 51.2 प्रतिशत हैं, जिसमें 60-75 वर्ष की उम्र वाले व्यक्ति 42 प्रतिशत हैं और 75 वर्ष के ऊपर वाले 9.2 प्रतिशत हैं।
कोरोना संक्रमण का पता लगाने का कारगर टेस्ट आरटी-पीसीआर:
लव अग्रवाल ने रैपिड टेस्ट के इस्तेमाल पर सफाई देते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने टेस्टिंग प्रोटोकॉल के दिशा-निर्देश स्पष्ट रूप से जारी किए हैं। कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए रैपिड टेस्ट किट नहीं हैं, इसके लिए सिर्फ आरटी-पीसीआर टेस्ट है। इसी से पता चलता है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं। जबकि रैपिड टेस्ट सिर्फ निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
क्लीनिक औऱ निजी अस्पताल में सभी जरूरी सुविधाएं बहाल हो- स्वास्थ्य मंत्रालय
देश में कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए कई निजी अस्पताल और क्लीनिक ने सेवाएं देना बंद कर दी हैं। इसको देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि निजी अस्पताल किसी भी मरीज के इलाज से मना नहीं कर सकते। सभी क्लीनिक सुचारु रूप से मरीजों का उपचार करें। विशेषकर डायलिसिस, थैलसमिया, गर्भवती महिलाएं, चीमोथेरेपी सुविधाए जारी रखें। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश का पालन करे