मध्‍य प्रदेश में तैयार हो गई, कोरोना किट, विदेश से बहुत सस्‍ती और बेहतर रिजल्‍ट

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भोपाल, 03 अप्रैल (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश में देश के बाकी राज्‍यों की तरह कोरोना को मात देने पर तेजी से काम चल रहा है। एक तरफ प्रदेश में कोरोना वायरस के लक्षण महसूस करने वाले व्यक्तियों और होम क्योरेंटाइन में रह रहे व्यक्तियों को घरों पर ही उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी जिलों में टेलीमेडिसिन केन्द्र शुरू किए गए हैं। व्यक्ति वीडियो कालिंग से चिकित्सकों से सीधे संवाद कर सकते हैं।अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य हैल्पलाइन-104 और जिलों के हैल्पलाइन नम्बर पर बात की जा सकती है,तो दूसरी ओर अब एक अच्‍छी खबर यह है कि राज्‍य की राजधानी भोपाल मे कोरोना (कोविड-19) को हराने के लिए विदेशों की तुलना में सस्‍ती और बेहतर किट तैयार कर ली गई है जोकि सिर्फ ढाई घण्‍टे में ही अपना रिजल्‍ट दे देती है। इसी के साथ देश में यह दूसरी कंपनी होगी जिसने अब तक सफल परिक्षण के साथ कोरोना किट तैयार की है।
यह काम किया है सूबे की राजधानी स्‍थ‍ित कंपनी किलपेस्ट इंडिया लिमिटेड ने, जिसने कि यह कोरोना टेस्टिंग किट (ट्रू पीसीआर) तैयार करने में बहुत कम समय में ही सफलता हासिल की है। बताया जा रहा है कि इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से मान्यता मिल चुकी है।

इस संबंध में भोपाल स्‍थ‍ित कंपनी किलपेस्ट इंडिया के रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रमुख डॉ. अखिलेश रावत का कहना है कि  यह रियल टाइम पीसीआर डिटेक्शन किट है। इस किट का परीक्षण करने के लिए एनआईवी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी) को 31 मार्च को भेजा गया था।  हमारे द्वारा तैयार इस टेस्ट किट पर अब तक 100 कोरोना(काविड-19) वायरस लोगों के साथ ही 100 निगेटिव लोगों को लेकर सफल प्रयोग किया जा चुका है, हर टेस्‍ट में यह किट प्रमाणिक रिजल्‍ट देनेवाली साबित हुई है। उन्‍होंने बताया कि इसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से मान्यता मिल चुकी है।
उधर, किलपेस्ट इंडिया के निदेशक धीरेंद्र दुबे का कहना है कि इस किट से परीक्षण करना आसान है और इससे सरकार पर कोई अतिरिक्‍त बोझ भी नहीं आएगा। एक कोरोना वायरस संक्रमित के परिक्षण के लिए जिस तरह से तमाम टेस्‍ट अभी किए जाते हैं, उनकी भी जरूरत नहीं होगी। चिकित्‍सकीय व्‍यवस्‍था में लोगों का समय, श्रम और धन तीनों की बचत हो सकेगी । वहीं, नए उपकरण खरीदने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही उन्‍होंन इस किट की कीमत में बारे में बताया कि यह राशि एक हजार से भी से कम होगी। दुबे का कहना है कि हमारी कंपनी ने प्रतिदिन 10 हजार किट तैयार करने का अभी लक्ष्‍य रखा है। यानी कि प्रत्‍येक माह में तीन लाख किट भारतीय अस्‍पतालों के लिए उपलबब्‍ध करा दी जाएंगी।

उल्‍लेखनीय है कि 20 मार्च के करीब ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की ओर से देश और विदेश की 18 कंपनियों को कोरोना वायरस की टेस्टिंग की परमीशन दी गई थी। वहीं इन कंपनियों में से अधिकतर ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से टेस्टिंग की परमीशन मांगी थी। इसके बाद सबसे पहले कोरोना वायरस की जांच के लिए भारत ने दुनिया के कई देशों से पहले कोरोना की टेस्टिंग किट तैयार की। सबसे पहले पुणे की मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस कंपनी ने इस स्वदेशी किट को बनाया। जिसे कमर्शियल प्रोडक्शन की अनुमति भी मिल गई है। देश की यह पहली किट मीनल दखावे भोंसले नाम की वैज्ञानिक ने बनाई है। इसी के साथ यह देश की पहली ऐसी फर्म भी बन चुकी है, जो कोरोनावायरस किट बेच रही है। इस किट की कीमत 1200 रुपये है। हर किट से 100 सैंपल की जांच हो रही  है। यानी एक सैंपल को जांचने का खर्च केवल 12 रुपये आ रहा है जबकि विदेशी किट की कीमत 4,500 रुपये है।

 


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