कोरोना के चलते 30 फीसदी ही रह गया ट्रांसपोर्ट का काम
अलवर, 08 जुलाई (हि.स.)। जिले के ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को कोरोना ग्रहण लग गया है। जिस कारण पहले की अपेक्षा अब उतना कारोबार नहीं हो पा रहा है। कारोबारियों ने बताया कि लॉकडाउन भले ही खुल गया हो लेकिन ट्रांसपोर्ट पर काम नहीं बढ़ पाया है। जिसका मुख्य कारण है बाजारों में दुकानदारों के पास काम नहीं है। लोग कोरोना के भय के चलते घर से बाहर नहीं निकल रहे। ऐसे में दुकानदार के पास माल पहले ही है, नए माल की उसे आवश्यकता ही नहीं पड़ रही। जिस कारण बड़ी संख्या में ट्रक के पहिये थमे हुए हैं।
केडलगंज ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश अरोड़ा ने बताया कि ट्रांसपोर्ट द्वारा इस समय परचून से व मेडिकल से सम्बंधित सामान जरूर पहुंचाया जा रहा है। काम कम होने से ट्रांसपोर्टरों के साथ ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े ट्रक चालक व मजदूरी करने वाली लेबर पर भी इसका प्रभाव पड़ा है। जिस कारण उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रांसपोर्ट कारोबारी मार्च माह से कोरोना महामारी के कारण व्यवसाय नहीं होने की मार झेल रहे थे। इसी बीच डीजल की कीमत बढ़ जाने के कारण अब दोहरी मार ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को झेलनी पड़ रही है। इन दिनों ट्रांसपोर्ट पर माल कम आ रहा है। ऐसे में गाड़ी भेजने पर डीजल बढ़ने से एक चकर पर ट्रक का 1200-1500 रुपये के बीच अतिरिक्त भार बढ़ गया है। जिससे खर्चे पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
कोरोना महामारी के चलते अभी अलवर, भरतपुर, दौसा सहित जयपुर ही ट्रांसपोर्ट द्वारा सामान भेज जा रहा है। इसके अलावा दूसरे राज्यों में कहीं भी सामान नहीं जा रहा है। हालांकि दिल्ली जरूरी सामान प्रशासन से अनुमति लेकर भेजा जा रहा है।
52 साल में इतने दिन कभी काम नहीं हुआ प्रभावित
राजस्थान गोल्डन ट्रांसपोर्ट के कारोबारी प्रेमप्रकाश बताते हैं, उन्हें 52 साल इस काम में हो गए हैं। कभी हड़ताल के समय जरूर 1 – 2 दिन के लिए ट्रांसपोर्ट बन्द हुए। एक बार 20 दिन के लिए भी बंद हुआ था लेकिन ऐसा बन्द पहली बार हुआ है। जिसके बाद से काम ही पूरी तरह थम गया है। केडलगंज में है सबसे अधिक ट्रांसपोर्ट की दुकान अलवर शहर के केडलगंज बाजार में करीब 35 ट्रांसपोर्ट की दुकानें हैं। इसके अलवा स्वर्ग रोड, विकाश पथ, काशीराम चौराहा आदि पर ट्रांसपोर्ट की दुकानें है।