कोरोना से निपटने को पुणे की लैब एनसीएल ने बनाई दो नई मशीनें

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डिजिटल आईआर थर्मामीटर और ऑक्सीजन संवर्धन इकाई कोरोना रोकने में मददगार होंगी



नई दिल्ली, 09 अप्रैल (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोराना वायरस से निपटने के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की पुणे स्थित लैब राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल) ने दो नई मशीनें तैयारी की हैं। इन मशीनों के नाम ‘डिजिटल आईआर थर्मामीटर’ और ऑक्सीजन संवर्धन इकाई (ओईयू) हैं जो कोरोना के प्रकोप को रोकने में मददगार साबित होंगी। इसके साथ ही इस उपकरण को बढ़ावा देने के लिए सीएसआईआर-पुणे स्थित एसीएल ने चिकित्सा उपकरणो के उत्पादन के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ साझेदारी भी की है।

इन मशीनों की क्या है खासियत

एनसीएल द्वारा तैयार मशीन ‘डिजिटल आईआर थर्मामीटर’ के माध्यम से मोबाइल फोन या पावर बैंक को एक शक्ति स्त्रोत के रूप में इस्तेमान किया जा सकता है। सीएसआईआर-एनसीएल के वेंचर सेंटर के इन्क्यूबेटी बीएमईके प्रतीक कुलकर्णी की अध्यक्षता में डिजिटल आईआर थर्मामीटर विकसित किया है जो कोरोनवायरस के प्रकोप को कम करने के उपायों का एक महत्वपूर्ण घटक है। आईआर थर्मामीटर का डिजाइन पूरी तकनीकी जानकारी के साथ आसानी से उपलब्ध है। साथ ही बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए तैयार हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डिजाइन देशभर के निर्माताओं के लिए मुफ्त में उपलब्ध होगा। यह थर्मामीटर बनाने और अपनी स्थानीय मांगों को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में निर्माताओं को सक्षम करने का एक प्रयास है। अब इसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, पुणे के साथ साझेदारी में बढ़ाया जा रहा है। टीयूवी रीनलैंड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर में पायलट वितरण और परीक्षण के लिए लगभग 100 प्रोटोटाइप इकाइयाँ बनाई जाएंगी।

ऑक्सीजन संवर्धन इकाई (ओईयू)

यह उपकरण कोरोनावायरस के मरीजों की महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है। इसका काम है उनके फेफड़ों से समझौता होने के कारण ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा करना। ओईयू को 21-22% से 38-40% की परिवेशी वायु से ऑक्सीजन एकाग्रता को बढ़ाने के लिए सीएसआईआर-एनसीएल और जेनरिक मेम्ब्रेंस ने विकसित किया गया है।

डॉ उल्लाल खारुल, प्रमुख द्वारा स्थापित एक स्टार्ट-अप नवाचार उद्यम है। एनसीएल में पॉलिमर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिवीजन घर और अस्पताल सेटिंग्स में रोगियों के लिए समृद्ध ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए परिवेशी वायु के पृथक्करण और निस्पंदन के लिए खोखला फाइबर झिल्ली बंडल है। डॉ उल्‍हास खरूल एनसीएल के पॉलीमर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख हैं। ओईयू एक खोखला व बारीक मेम्‍बरेनों का बंडल है जो परिवेश के वायु को पृथक और फिल्‍टर करता है जिससे घरों एवं अस्‍पतालों में परिवेश के ऑक्‍सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। पुणे में प्रोटोटाइप इकाइयां तैयार है जिन्‍हें जांच और सत्‍यापन के लिए रीनलैंड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरू भेजा जाएगा। एनसीएल-बीईएल पुणे में लगभग 10 मशीनें तैयार की जाएंगी और परीक्षण के बाद उत्‍पादन को बढ़ाया जाएगा। इसके बाद  पुणे के पुलिस उपायुक्त को पांच, अवरक्त गैर-संपर्क थर्मामीटर सौंप दिए गए।

उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिक. एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की पुणे स्थित लैब, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल) पिछले एक दशक से अपने वेंचर सेंटर के माध्यम से नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में अग्रणी रहा है। वहां से नए नवाचार कोरोना के प्रकोप के खिलाफ लड़ाई में मदद कर रहे हैं। जेनरिक-एनसीएल ऑक्सीजन संवर्धन इकाई मशीन पुणे के पास प्रोटोटाइप परीक्षण के दौरान चिकित्सा केंद्र में एक मरीज के श्वास मास्क से जुड़ी है।

 


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