पूर्व नौकरशाहों ने कोरोना को मुसलमानों से जोड़ भेदभाव करने के खिलाफ लिखा पत्र

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नई दिल्ली, 24 अप्रैल (हि.स.)। देश के 101 पूर्व नौकरशाहों ने अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संकट को मुसलमानों से जोड़ने और उनके साथ भेदभाव पर चिंता जताते हुए इसकी निंदा की है। पत्र में इन्होंने मुस्लमानों को प्रताड़ना से बचाने की अपील की है।

इन पूर्व नौकरशाहों ने सार्वजनिक पदों पर बैठे पदाधिकारियों से किसी भी समुदाय के सामाजिक बहिष्कार को रोकने की दिशा में काम करते हुए इस तरह के घटनाक्रमों पर नजर रखने और सभी को समान रूप से चिकित्सा और अस्पताल की देखभाल, राशन और वित्तीय सहायता सहित सभी अधिकार मुहैया कराने की अपील की है। इस पत्र की एक प्रति प्रधानमंत्री को भी संलग्न की गई है।

खुले पत्र में कोरोना वायरस के संकट के दौरान तब्लीगी जमात के लोगों के इकट्ठा होने की आलोचना की गई है और साथ ही मीडिया में बार-बार इसका जिक्र आने से एक विशेष समुदाय को निशाना बनाए जाने को गैर जिम्मेदाराना व निंदनीय बताया है।

पत्र के हस्ताक्षरकर्ताओं में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, पूर्व पुलिस महानिदेशक जूलियो रिबेरो, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजहत हबीबुल्ला, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व स्वास्थ्य सचिव के सुजाता राव और अन्य नौकरशाह शामिल है।

पत्र में आगे कहा गया कि मुस्लिम दुकानदारों पर जानबूझकर कोरोना फैलाने का आरोप लगाने के साथ कुछ फेक वीडियो क्लिप्स वायरल की गईं, जिसमें उन्हें फल-सब्जियों पर थूकते दिखाया गया। इसके जरिए मौजूदा महामारी से उपजे डर को मुस्लिम समुदाय को अलग-थलग करने के लिए केंद्रित किया गया।

 


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