कोरोना और सऊदी के प्राइस वार से सहमा घरेलू बाजार,सेंसेक्स 1900 और निफ्टी 500 अंक गिरा

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मुम्बई, 09 मार्च (हि.स.)। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को कोरोना वायरस के देश में बढ़ते मामले और सऊदी अरब द्वारा कच्चे तेल के दामों में भारी कटौती की वजह से भारतीय शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। यस बैंक के बढ़ते संकट और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर शुरुआत ने भी निवेशकों का मनोबल गिराया। पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार के दोनों सूचकांकों में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। सेंसेक्स करीब 1900 से ऊपर और निफ्टी 500 अंक से ऊपर गिरकर बंद हुआ।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 31 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक 1,941.67 अंक यानी 5.17 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 35,634.95 अंक पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 538 अंक यानी 4.90 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 10,451.45  अंक पर बंद हुआ।बीएसई का स्मॉलकैप 4.05 प्रतिशत और बीएसई का मिडकैप 4.42 प्रतिशत तक गिर गया। बैंक निफ्टी में भी आज बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। बैंक निफ्टी 4.77 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 26,476.70 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की की सभी 31 कंपनियां लाल निशान पर बंद हुयी।

आज के टॉप लूजर

1.ओएनजीसी-15.54 प्रतिशत

2.वेंदांता-15.08 प्रतिशत

  1. जी इन्टरटेनमेंट-12.96 प्रतिशत
  2. रिलायंस-12.61 प्रतिशत

5.इंडसइंड बैंक-12.20 प्रतिशत

आज के टॉप गेनर

1.यस बैंक-31.58 प्रतिशत

2.बीपीसीएल-5.07 प्रतिशत

3.भारती इन्फ्राटेल-3.07 प्रतिशत

4.ऑयशर मोटर्स-0.60 प्रतिशत

बीएसई सेंसेक्स की दस सबसे बड़ी गिरावट

1.09 मार्च 2020 5.17 प्रतिशत यानी 1,941.67 अंक

2.24 अगस्त 2015 5.94 प्रतिशत यानी 1,624.51 अंक

  1. 21 जनवरी 2008 7.41 प्रतिशत यानी 1,408.35 अंक

4.24 अक्टूबर 2008 10.96 प्रतिशत यानी 1,070.63 अंक

5.17 मार्च 2008 6.03 प्रतिशत यानी 951.03 अंक

  1. 03 मार्च 2008 5.12 प्रतिशत यानी 900.84 अंक

7.22 जनवरी 2008 4.97 प्रतिशत यानी 875.41 अंक

8.06 जुलाई 2009 5.83 प्रतिशत यानी 869.65 अंक

9.06 जनवरी 2015 3.07 प्रतिशत यानी 854.86 अंक

10.02 फरवरी 2018 2.34 प्रतिशत 839.41 अंक

उल्लेखनीय है कि रविवार को रूस की ओर से तेल उत्पादक देशों के संगटन “ओपेक” के साथ तेल उत्पादन में कटौती पर सहमति नहीं बनने के बाद सऊदी अरब ने प्राइस वॉर छेड़ दिया है। सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी कटौती की घोषणा की। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 30 प्रतिशत तक गिर गई हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 14.25 डॉलर या 31.5 प्रतिशत गिरकर 31.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। 17 जून 1991 को पहला खाड़ी युद्ध शुरू होने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है।

 


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