नई दिल्ली, 24 सितम्बर (हि.स.)। वर्षों से लटके सी-295 ट्रांसपोर्ट सैन्य परिवहन विमान खरीदने का सौदा शुक्रवार को फाइनल हो गया। आज रक्षा मंत्रालय और स्पेन की कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए गए। सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 08 सितम्बर को भारतीय वायु सेना के लिए 56 ट्रांसपोर्ट विमानों की खरीद को मंजूरी दी थी। इसमें 40 विमान टाटा समूह भारत में ही बनाएगा। बाकी 16 विमान सीधे कम्पनी से चार साल के भीतर ”फ्लाइंग मोड” में भारत को आपूर्ति किए जाएंगे।
सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने जब 08 सितम्बर को भारतीय वायु सेना के लिए 56 सी-295 परिवहन विमान खरीदने को मंजूरी दी थी, तभी जल्द ही इस सौदे पर अनुबंध होने के संकेत दिए गए थे।यह समकालीन तकनीक के साथ 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है जो वायुसेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा। विमान में त्वरित प्रतिक्रिया और सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए एक रियर रैंप दरवाजा लगाया गया है। आज अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के 48 महीनों के भीतर स्पेन की कम्पनी भारत को 16 विमानों की सीधे आपूर्ति करेगी और दस वर्षों के भीतर टाटा कंसोर्टियम भारत में ही 40 विमानों का निर्माण करेगा।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण करेगी। सभी 56 विमानों को स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट के साथ स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना भारत में एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगी जिसमें देश भर में फैले कई एमएसएमई विमान के कुछ हिस्सों के निर्माण में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम भारत सरकार के ”आत्मनिर्भर भारत” अभियान को बड़ा बढ़ावा देगा, क्योंकि यह भारतीय निजी क्षेत्र को प्रौद्योगिकी गहन और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। यह परियोजना घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा देगी, जिसके परिणामस्वरूप आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात में अपेक्षित वृद्धि होगी।
परियोजना के तहत भारत में बड़ी संख्या में डिटेल पार्ट्स, सब-असेंबली और एयरो स्ट्रक्चर के प्रमुख कंपोनेंट असेंबलियों का निर्माण किया जाना है। यह कार्यक्रम देश के एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र में रोजगार सृजन में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। उम्मीद है कि इससे 600 उच्च कुशल रोजगार सीधे और 3000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होंगे। इसके अलावा इस परियोजना से भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में 3000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और 42.5 लाख से अधिक मानव घंटों के काम के साथ 3000 अतिरिक्त मध्यम कौशल रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि परियोजना में हैंगर, भवन, एप्रन और टैक्सीवे के रूप में विशेष बुनियादी ढांचे का विकास शामिल होगा। स्पेन से 16 विमानों की सीधे आपूर्ति होने से पहले भारत में विमानों का निर्माण शुरू करने के लिए ”डी” लेवल की सर्विसिंग सुविधा स्थापित किये जाने की योजना है। उम्मीद है कि यह सुविधा सी-295 विमान के विभिन्न रूपों के लिए एक क्षेत्रीय एमआरओ हब के रूप में कार्य करेगी। इसके अलावा ओईएम भारतीय ऑफसेट पार्टनर्स से योग्य उत्पादों और सेवाओं की सीधी खरीद के माध्यम से अपने ऑफसेट दायित्वों का निर्वहन भी करेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलेगा। यह कार्यक्रम स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करने और ”मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की एक अनूठी पहल है।