नई दिल्ली, 13 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्र सरकार को नवम्बर महीने में महंगाई के मोर्चे पर फिर झटका लगा है। गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नवम्बर महीने में खुदरा महंगाई दर 4.62 फीसदी से बढ़कर 5.54 फीसदी हो गई है। हालांकि, अक्टूबर महीने में औद्योगिक उत्पादन दर में सितम्बर के मुकाबले अक्टूबर में थोड़ी सुधार देखने को मिली है।
दरअसल इससे पहले अक्टूबर माह में खुदरा महंगाई दर 4.62 फीसदी थी, जबकि सितम्बर माह में खुदरा महंगाई दर 3.99 फीसदी थी। इस तरह यदि देखें तो नवम्बर महीने में खुदरा महंगाई दर तीन साल में सबसे ऊपर पहुंच गई है।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्याज, टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी होने की वजह से नवम्बर महीने में महंगाई दर में यह उछाल देखने को मिला है। वहीं, नवम्बर महीने में शहरी और ग्रामीण इलाकों में खाने-पीने की चीजों के दाम 10.01 फीसदी तक बढ़ गए हैं। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) में खाने-पीने की हिस्सेदारी 45.9 फीसदी है। सितम्बर में प्याज की कीमतों में जहां 45.3 फीसदी इजाफा हुआ है। वहीं, अक्टूबर में प्याज की कीमत 19.6 फीसदी बढ़े हैं।
इस बीच औद्योगिक उत्पादन दर पिछले माह के -4.3 फीसदी के मुकाबले अक्टूबर में -3.8 फीसदी रही है। ऐसे में देखा जाए तो औद्योगिक उत्पादन दर में यह सुधार सरकार के लिए राहत की खबर लेकर आई है।
उल्लेखनीय है कि खुदरा महंगाई दर पर नियंत्रण पाने के लिए मोदी सरकार ने एक मीडियम टर्म इनफ्लेशन टारगेट तय किया है, जिसके तहत मार्च 2021 तक महंगाई दर की ग्रोथ को चार फीसदी बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा।