कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने के फैसले को बताया ‘क्रूर मजाक’
नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। कांग्रेस नेताओं ने केंद्र के पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुक्ल में बढ़ोतरी के फैसले को जनता के प्रति क्रूर मजाक की संज्ञा दी है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि नए या उच्च कर तभी उचित होते हैं जब अर्थव्यवस्था फलफूल रही हो। वर्तमान में देश के आर्थिक हालात पहले से खराब है उस पर मध्यम वर्ग और गरीबों पर कर का अतिरिक्त बोझ वास्तव में संकट खड़ा कर रहा है। उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में सरकार को लोगों को पैसा देना चाहिए लेकिन यहां तो सरकार लोगों को ही निचोड़ने में लगी है।
एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार से गरीबों के खाते में नकद हस्तांतरण की मांग करती आ रही है लेकिन सरकार मदद के बजाय लोगों से ही पैसे वसूलने के बहाने तलाशने में लगी है।’ उन्होंने कहा कि सरकार अपने घाटे को पूरा करने के लिए उधार ले, ना कि उच्च कर का बोझ डाल लोगों को परेशान करे।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कोरोना संकट के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने को 130 करोड़ भारतीयों पर वार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश को लूटने वाला बताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि “कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं। तेल के कम दामों का फायदा, जो पेट्रोल-डीज़ल की कम क़ीमतों से, किसान-दुकानदार-व्यापारी-नौकरी-पेशा वर्ग को होना चाहिए, टैक्स लगा भाजपा सरकार अपनी जेब में डाल रही है।” उन्होंने सवाल किया है कि क्या जनता को लूट जेबें भरना ‘राजधर्म’ है? या फिर रात के अंधेरे में लिए गए इस फैसले को 130 करोड़ भारतीयों पर वार की संज्ञा दी जाए।
पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी ट्वीट कर इसे घाव पर नमक छिड़कना बताया है। उन्होंने कहा कि देश लॉकडाउन से धीरे-धीरे बाहर आ रहा है। दुकानदार कुछ दुकानें खोल पा रहा है, ट्रक की माल ढुलाई थोड़ी शुरू हो रही है, किसान फसल कटाई पूरी कर रहा है, पर मोदी जी पेट्रोल-डीजल पर ₹10 व ₹13 प्रति लीटर टैक्स लगा जनता को लूट रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार देररात पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर उत्पाद शुल्क 13 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया है। उत्पाद शुल्क में इस वृद्धि के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी का कोई फायदा लोगों को नहीं मिलेगा।